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________________ कर्ता संवतपय मंशा ग्रंथान विशेष नोंध आचार्यगच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांक' | ग्रंथर्नु नाम झेरोक्ष सी.डी.नं. १ थी ३ ग्रंथो ताडपत्रीय होवाथी. ताडपत्रोनी यादी तेनी विगत छे. ४.... नंदीसूत्र............... उपदेशमाला ...... ६ ....उपदेशमाला सह अवचूरि................. ७ .... चैत्य-गुरूवंदन-प्रत्याख्यान भाष्य. ८ .... हेतुगर्भ प्रतिक्रमण विधि .............. .जयचंद्रसूरि .....-सूत्रकृतांगसूत्र ...................... १०.../पिंडविशुद्धि सह दीपिका ... ११... बलिनरेन्द्र (भुवनभानु कथा)................ १२....गुणस्थानक्रमारोह वृत्ति सह ... ........१८२५..... ... श्राद्धदिनकृत्य सूत्र १४...कल्पसूत्र सह टब्बार्थ .......... १५... ठंढणऋषि स्वाध्याय + देवचंद्र ग्रंथावली..... ..................१८०९ .......... १६...दशआश्च र्य............... १७ .... अंतकृदशांगसूत्र सह वृत्ति ................ सुकृतसागर १९... श्रावकानुष्ठानविधि + आवश्यकवृत्ति ............... २०...शत्रुजयमहात्म्य ................. .धनंजय ......... ...........१६४९-4 कल्पसूत्र सह वृत्ति ................... समयसुंदर ...... औपपातिकसूत्र .................... २३.../विपाकसूत्र ................................ .ले.ज्योसींग ग.... .............................४२ २४....द सपन्नासूत्र -- ..................१८४० .........११५ २५.... उत्तराध्ययनसूत्र (१९१ नंबरका ग्रंथभी साथ है)... ....................१५५४ ...........५४ ................. १८... ......५०० १४५६ २७०० १६९३ १२२५ ........१२५० Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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