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लोकागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग सी.डी. ग्रंथान
विशेष नोंद
भाषा
पत्र संख्या
.....१-१३४
......५४५० "..............फुटा पाना
१-८३
१-९८
-१२९
.........१-३
१-१२ .......
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..सं.
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२३८ ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम क र्ता
संवत १८५.... अनुयोगद्वार त्रूटक...... १८६ ....- हरिवंश प्रबंध (ढाल सागर) ............... गुणसागर.......
...१६७६-१९०३ १८७.....लब्धिस्तवन संग्रह .... १८८....मलयसुंदरी रास.........
शान्तहर्ष शिष्य जिनहर्ष .......... .... १७५१-१८६१ १८९..... पंचदंड चौपाई - विक्रमादित्य चौपई ...... लक्ष्मीवल्लभ ...
૧૨૮ १९०.....श्रीपाल चरित्र सह टब्बार्थ .......
........ १८५५ १९१.... कर्मग्रन्थ प्रथमथी चतुर्थ .......................
......... १८६० १९२ ..... पार्श्वनाथनो छंद .............
...... १९४२ जयमालीका त्रूटक ... स्थानांगसूत्र त्रुटक ज्ञानक्रिया संवाद... साधुवंदना. क्षेत्रसमास
............ १८३८ जीवाजीवविचार प्रकरण .................... ......नवतत्त्व सह टबार्थ
...... गौतमपृच्छा सह बालावबोध ........... २०१..... एकवीसस्थानक ........ २०२.....भक्तामरस्तोत्र...............
शीलोपदेशमाला प्रकरण .......... नेमिरायशिक्षा - बृहत् शांति ............... सिदप्रकर...... चोवीस दंडकरतबन सह रब्बार्थ........... धर्मसिंह
त्रिभुवनकुमार चौपई....... २०८ ..... सज्झाय और चोबीसदंडक बोल ..... २०९.... अदारनातरांनी सज्झाय .... २१०..... कर्मसंवेध भंग प्रकरण. २११..... दानशीलतपभावना संवाद ............... समयसुंदर २१२.....जीवाल्पबहुत्वस्तवन सह टमार्थ ........
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...१६००
मानतंगसार
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२०६ .....
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