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________________ डूंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथान विशेष नोंघ झेरोक्ष सी.डी.नं. २१० | ग्रंथांक | ग्रंथर्नु नाम कर्ता संवत पत्र संख्या १३२१ -- पर्यन्तआराधना ....... .सोमसूरि.... १३२२ आचारागचूला अवचुरी सह ...... १३२३ . चौवीशजिन स्तुति/ अवचूरि सह ...... ............४ १३२४ . सुसढचरित्र .......... १३२५ - अनिट्कारिका अवधूरि सह ............. १३२६ - कृदन्त वक्तव्य ....... १३२७ . चतुर्विशतिजिनस्तुति .............. १३२८. बारह भावना.. .राज कवि ................. .१७२७ १३२९. चौवीसी (आनंदघन चोवीसी)............. आनंदघन. ..................१८६६ -.......... १३३०. रंग बहोतरी ............ .जिनरंग ...... १३३१ आराधना के दस अधिकार. (पुण्यप्रकाश स्तवन).... ............ विनयविजय उपाध्याय............. १७२९ १३३२. नंदीश्वरप्रतिमार्चन विधि...... १३३३ . गीतसंग्रह (अध्यात्म बहुत्तरी)................ १८७९ -......... १८ १३३४ . चौवीसदंडकबोल ................. १३३५० स्तवनसंग्रह १३३६ - वास्तुशास्त्र (वैद्य) .... +......(६७ से .......१२२)५१ १३३७ --सुभाषितसंग्रह ........... १३३८. संवाद सुंदर ............ (२५से३३)९ १३३९० गांगेयाधिकार अवचूरी सह १३४०. प्रकीर्णविचारसंग्रह १३४१ . भगवती (बीजक) टीप ...... १३४२. प्रेमविलास प्रेमलताचौपाई .. १३४३ . सवासौ सीख . १३४४ . शुकरत्नावली ..... १३४५. दादाजीके गीत ........ KARO १९०१ . . ......... प्रथम पार्नु नथी. Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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