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१८५.
ग्रंथांका
ग्रंथान
विशेष नोंध
..........९७५..
श्लोक-७३
१८३७
डूंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथर्नु नाम
कर्ता
संवत् पत्र संख्या झेरोक्ष सी.डी.नं.1 ६७४ - संदेहदोलावली प्रकरण सह टब्बार्थ .........वल्लभसूरीनाशिष्य ............................................ ६४१... ६७४ ....... ६७५... ढोलाचारवणी चौपाई ..............
.......१६७७
+......... २१ ६७६ ..क्षुल्लक भवावलीका सह अवचूरी ... चंद्रकुमारनी वार्ता ............................
...............१८४८ चंदनमलयागिरी चोपाई ......................
...........१८०८ देवप्रभोस्तोत्रसहवृत्ति ...................... त्रिपुरा स्तोत्र.................................रघुआचार्य....... |जिनावरारी सुकनावली .........................................
१९९४ चिन्तामणि नाममाला ........................
૧૭૮ર साधुवंदना ...........
समयसुंदर
૧૪૮૮ कुमारसंभव महाकाव्य (आठसर्ग)............ कविकालिदास श्रीपेना टीका (व्याकरण) ............ सारस्वत प्रक्रिया अपूर्ण................... अभिधान चिंतामणी बीज़क ...............
हितोपदेश (सुभाषित श्लोक)......... ६८९ .. लघुसंग्रहणी सह वृत्ति..
....कल्याणसारमुनि. ६९० .. लोकनालिका बालावबोध .................. भारमल्लमुनि ........................१८८५ ६९१ ... प्रश्नोत्तरसार्धशतक बीजक .............. ६९२ .. सम्यक्त्व + संभवमहाकाव्य (सुलसाचरित्र)...जयतिलकसूरि ......... ..विदग्धमुखमंडन ........
धर्मदास ..विशेषशतक उध्धरण परिवर्धन .............. समयसुंदर ... ..विचारषत्रिशिकावधूरि ..................... जीतरंगगणि...
---विशेषशतक उधरण परिवर्धन ........... ६९७ ..-सम्यक्त्व विचार ............... ६९८ ..कल्याणमंदिर स्तोत्र टीकासह .............. .टी. देवसुंदर उपाध्याय. ६९९ ..-धर्मरत्नप्रकरण सह वृत्ति .. ......... खुशालविमल
.१८७७
--......३३४ ७००..संग्रहणी श्रीचन्द्रीय सह वृत्ति................ .दयासागर ........................ १६६६
पर888
...............
३५००
९७००
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