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________________ जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग झेरोक्षसी .डी प्रथान विशेष नोंध संवत् । पत्र संख्या - श्रेष्ठ... ... १८१७ दिनकर श्रेष्ठ ..१७६२ .१६९३ ग्रंथ नाम स्थिति] ग्रहभावप्रकाशज्योतिष सस्तबक ........ मध्यम ..... जातकचंद्रिका ज्योतिष अपूर्ण ... त्रिपुरबन्धमुहूर्त ज्योतिष ....... श्रेष्ठ ... ग्रहसिद्धिज्योतिष. जीर्ण.... महादेव दैवज्ञ चंद्रार्कीज्योतिष. जीर्ण ... दिनकर चंद्रार्कीज्योतिष मध्यम भवनविचार ज्योतिष . जन्मपत्रीविधानपद्धति अपूर्ण जगभूषणसारणी. १८७१ ...... कामधेनुपंचांगसारणी .............. ....... जातककर्मपद्धतिउदाहरण ........... कृष्ण दैवज्ञ १८७३ ...... समाविचार (सुभिक्षदुर्भिक्षविचार) .... १८७४ ....... कर्णकुतूहलज्योतिष ............... भास्कराचार्य १८७५ .......नारचंद्रज्योतिष अपूर्ण ............. ....नरचंद्राचार्य .... ---भुवनदीपक सरतयक .... जीर्ण .... पद्मप्रभसूरि १८७७ ....... आरंभसिद्धि पंचम विमर्श पर्यंत .... उदयप्रभसूरि ताजिकसारसूत्रज्योतिष हरिभट्ट प्रश्नमनोरमाविद्याज्योतिष गर्गाचार्य पंचांगानयनविधिज्योतिष भुवनदीपक सस्तबक ... पद्मप्रभसूरि पष्टिसंवत्सर ........... मध्यम श्रीपतिपद्धति अपूर्ण... मध्यम दशाकोष्ठकज्योतिष. उपदशायंत्र ज्योतिष. सारणी ज्योतिष.. कामधेनुकोष्टक ज्योतिष.. ......दशाकोष्ठक ज्योतिष १८८९ ....... महादेवीकोष्ठक ज्योतिष ........... श्रेष्ठ ..... ....१८७७.२८८ ले.१८४४ मध्यम मध्यम .. बबबबब Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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