SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 87
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ७५१४, पृ. ५२३, आवश्यकसूत्र हारिभद्रीया वृत्तिसहित, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-२२५००. कुल झे.पृष्ठ-५२३ पाकाहेम १०३५२, पृ. १५३, आवश्यकसूत्र शिष्यहितावृत्ति सह प्रथमखण्ड, वि-१५९०, प्रतिपूर्ण पाकाहेम १०३५३, पृ. २१४, आवश्यकसूत्र शिष्यहितावृत्ति सह द्वितीयखण्ड, वि-१५९२, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- क्रमांक १०३५२ अने १०३५३ ना ग्रं.२२००० छे. १०३५३मां पत्र ३६-३७ भेगा छे. कुल झे.पृष्ठ-२१४ आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति (आवश्यकनियुक्ति) आचार्य-भद्रबाहुस्वामी, प्रा., पद्य, गा.२५००, ग्रं.३१००, आदि वाक्यः जयइ जगजीवजोणी वियाणओ जगगुरू जगाणन्दो।... कृ.विः आनुं अने नंदिसूत्रनुं आदिवाक्य समान छे. पाताखेत १२- पे.क्र. ११, पृ. १४०-१५७, गृहस्थकुलकादि ३४ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. नाम- वन्दननियुक्ति, पे. विशेष- गाथा-१८९. प्रत विशेष- ११५ मुं पार्नु घटे छे. डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ५६, पृ. २१२, आवश्यकनियुक्ति, संपूर्ण डीवीडी-६२/६४ पाताखेत ३४-२- पे.क्र. ३, पृ. ?, नन्दिसूत्र, मङ्गळगाथा, आवश्यकनियुक्ति, अपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां आवश्यकनियुक्ति, चउसरण अने अजितशांति-अपूर्ण-आम त्रणनी माहिती छे., पत्र-१३५+१५. डीवीडी-६२/६४ पाताखेत ५२-१, पृ. १७१, आवश्यकनियुक्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां कल्पसूत्र लख्युं छे. डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ३७, पृ. १५९, आवश्यकनियुक्ति, वि-११९१, संपूर्ण प्रत विशेष- जीर्ण. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. डीवीडी-५७/५९ पातासंघवीजीर्ण ५४- पे.क्र. १, पृ. १-२०९, आवश्यकनियुक्ति आदि, त्रुटक पे. विशेष- अपूर्ण. प्रत विशेष- अपूर्ण-त्रुटक. डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ८८- पे.क्र. ४, पृ.?, उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक पे. नाम- आवश्यक नियुक्ति सह टीका, पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र ७-८ पर है., यही कृति होने की संभावना है. संदर्भ पूरा-पूरा नहीं मिल पाया है. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे. ___ कुल झे.पृष्ठ-९०, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी ९०- पे.क्र. १, पृ. १-१६७, आवश्यकनियुक्ति आदि, संपूर्ण डीवीडी-३२/५१ पातासंघवी १६६- पे.क्र. १०, पृ. ३३-९९, चैत्यवन्दन आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रारंभना १-८ पत्र बढते पत्ररूपे लीधा छे. (८+१९४) डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ६२-१- पे.क्र. १, पृ. १-७३, आवश्यकनियुक्ति आदि, संपूर्ण डीवीडी-३०/४९ पातासंघवी ६४-२- पे.क्र. १, पृ. १-११७, आवश्यकनियुक्ति आदि, संपूर्ण 70
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy