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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे. पृष्ठ- १७ पाकाहेम १०४४४, पृ. १८, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिद्वितीयाध्यायतृतीय पादथी तृतीयाध्याय द्वितीयपादपर्यन्त, वि-१५मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भीजायेली छे. कुल झे. पृष्ठ- १९ पाकाहेम १०७४१, पृ. २८, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञ लघुवृत्ति पञ्चमाध्याय कृद्वृत्ति, वि-१५मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष प्रति एक बाजुथी उंदरे करडेली छे. सिद्धहेमशब्दानुशासन नी ( सं .) लघुवृत्ति नी ( सं . ) व्युत्पत्तिदीपिका (व्युत्पत्तिदीपिका) सं., गद्य, पाकाहेम १०१९८, पृ. ३८, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति-षष्ठ- सप्तमाध्याय व्युत्पत्तिदीपिका- तद्धितवृत्ति, वि१५मी प्रतिपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-३९ सिद्धहेमशब्दानुशासन- लघुवृत्ति- (सं.) विवरण सं., गद्य, पाताहेसं १५७, पृ. २८७, सिद्धहेमशब्दानुशासनवृत्तिविवरण अध्याय ३ पाद २ पर्यन्त प्रतिपूर्ण डीवीडी-८/१८ सिद्धहेमशब्दानुशासननी लघुवृत्ति - (सं.) अवचूरि ( दुर्गपदवृत्ति) सं., गद्य, आदि वाक्यः सर्वज्ञं सर्वदेवार्च्य प्रणम्य विवृणोम्यहम् । .... पाकाहेम १०२००, पृ. १७, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिअवचूरि - द्वितीयाध्याय द्वितीयपादपर्यन्त, वि-१५मी, प्रतिपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- १८ सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) लघुवृत्तिनी (सं.) अवचूरि पं. धनचन्द्र, सं., गद्य, पातासंघवी १७३-१, पृ. ८०, सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरिका, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र- ८०+६२. डीवीडी-३६/५४ पाताहेसं १३१, पृ. १६६, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिअवचूरी सह, वि - १४०३, संपूर्ण प्रत विशेष - तृतीय अध्याय द्वितीयपाद पर्यंत अवचूरि. डीवीडी - ८/१७ सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) लघुवृत्तिनी (सं.) अवचूरि ( दुर्गपदवृत्ति) सं., गद्य, आदि वाक्यः सर्वज्ञं सर्वदेवार्थ्यं प्रणम्य विवृणोम्यहं .... कृ. विः जयानन्दसूरिशिष्य अमरचन्द्रकृत ? रचना संवत - १२६४ ? पातासंघवीजीर्ण ५५- पे. क्र. १, पृ. १५७, हैमलघुवृत्ति चतुष्क अवचूरि आदि, संपूर्ण पे. नाम- हैमलघुवृत्ति चतुष्क अवचूरि डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ५५- पे.क्र. २, पृ. ९१, हैमलघुवृत्ति चतुष्क अवचूरि आदि, संपूर्ण पे. नाम हैमलघुवृत्ति आख्यात अवचूरि डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ७५, पृ. १२०, सिद्धहेमलघुवृत्तिअवचूरि, त्रुटक प्रत विशेष- त्रुटक- अपूर्ण-जीर्ण. डीवीडी-५८/६० पातासंघवी ७२-१, पृ. २०६, सिद्धहेमलघुवृत्ति अवचूरि प्रथमाध्यायथी बीजा अध्यायना तृतीय पाद सुधी, प्रतिपूर्ण डीवीडी - ३१/५० सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) लघुवृत्तिनी ( सं . ) अवचूरि ढुण्ढिका (दुण्डिका अवचूरि) 818
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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