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कृति उपरथी प्रत माहिती डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १५५, पृ. २५०, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञबृहद्वृत्ति सह अध्याय ३, पाद ३ थी अध्याय ४ पाद ३,
प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १५६, पृ. २४७, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञ बृहद्वृत्ति पञ्चमोध्याय (कृदन्त), प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १७८, पृ. ३८६, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञ बृहद्वृत्ति सह तद्धित, वि-१२९७, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-९/१९ पाताहेसं १८०- पे.क्र. १, पृ. १-३०४, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां हैमबृहद्वृत्ति, अध्याय १-२, आम लख्यु छे. चार चित्रों युक्त, जेमां सिद्धराज जयसिंह हेमचन्द्रसूरिने नवं व्याकरण रचवा विनंती करे छे, हाथीनी अंबाडीए व्याकरण लई जाय छे-विगेरे.
डीवीडी-९/१९ अताका ४९५, पृ. ?, सिद्धहेमशब्दानुशासन मूळ पाठ, संपूर्ण प्रत विशेष- पृष्ठ माहिती नथी.
डीवीडी-१०३/१०४ पाकाहेम ६५९८, पृ. १६, सिद्धहेमशब्दानुशासनसूत्रपाठ सप्तमाध्याय पर्यन्त, वि-१५वी, संपूर्ण
प्रत विशेष- श्लोक-७८१. पाकाहेम १०१९४, पृ. १९, सिद्धहेमशब्दानुशासनसूत्रपाठ सप्तमाध्यायपर्यन्त, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- प्रति ऊधईए खाधेली छे.
कुल झे.पृष्ठ-२० पाकाहेम १०१९५, पृ. ८, सिद्धहेमशब्दानुशासनसूत्रपाठ चतुर्थाध्यायतृतीयपदपर्यन्त, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण पाकाहेम १०१९७, पृ. ४७, सिद्धहेमशब्दानुशासनपञ्चमषष्ठसप्तमाध्याय, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४८ पाकाहेम १०६७०, पृ. १९, सिद्धहेमशब्दानुशासन सूत्रपाठ अष्टमाध्यायपर्यन्त, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१४ पाकाहेम १०६७२, पृ. २२, सिद्धहेमशब्दानुशासन बालावबोध सह चतुर्थाध्याय पर्यन्त, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.)बृहद्वृत्ति (तत्त्वप्रकाशिका बृहद्वृत्ति), (बृहद्वृत्ति), (अष्टादशसहस्री वृत्ति), (अढारहजारी वृत्ति)
आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., गद्य, पाताखेत ८, पृ. ३५७, हेमशब्दानुशासनबृहद्वृत्ति अध्याय १ थी २, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-६१/६३ पाताखेत १८, पृ. २२८, हैमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- अङ्क-६. ८२मुं पार्नु घटे छे.
डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ४४-१- पे.क्र. १, पृ. १२५-२६४, प्रकीर्णत्रुटितग्रन्थसङ्ग्रह (प्राचीन) १७ ग्रन्थो, संपूर्ण
पे. विशेष- त्रुटक. प्रत विशेष- कुळ ७ ज कृतियो छे.
कुल झे.पृष्ठ-२६, डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ३२, पृ. ४५७, सिद्धहेमबृहद्वृत्ति, त्रुटक प्रत विशेष- वचमां घणुं त्रुटक, अस्तव्यस्त-जीर्ण, नकामी.
डीवीडी-५६/५९ पातासंघवीजीर्ण ३५, पृ. २९२, सिद्धहेमबृहद्वृत्ति तद्धित ७मो अध्याय, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- जीर्ण.
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