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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-२४ श्रीपालनृपरास मुनि-जिनहर्ष, मारुगूर्जर, पद्य, रचना सं. विक्रम १७४२, गा.३०२, पाकाहेम १०२२६, पृ. १६, श्रीपालनृपरास, वि-१७८०, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१७ पाकाहेम १०२३७, पृ. १८, श्रीपालरास, वि-१७६६, संपूर्ण प्रत विशेष- गाथा-२८२. श्रुतज्ञानस्तोत्र जुओ - पञ्चमी स्तोत्र, प्राकृत, गा.२२ श्रुतधर्म जुओ - सुअधम्म, प्राकृत, गा.१० श्रुतास्वादशिक्षाप्रकरण मुनि-सहजकुशल, गणि-सकलचन्द्र, प्रा., पद्य, श्लोक१६८, कृ.विः बन्ने कर्ता नाम अलग-अलग मळे छे? खरा कर्ता कोण? पाकाहेम ७७५३, पृ. ८, श्रुतास्वादशिक्षाप्रकरण, वि-१६७४, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ पाकाहेम ७७५४, पृ. ९, श्रुतास्वादशिक्षाप्रकरण, वि-१६८१, संपूर्ण प्रत विशेष- गाथा-१६६. ग्रन्थाग्र-२४०. कुल झे.पृष्ठ-९ श्रेयांसजिनचरित्र आचार्य-देवप्रभसूरि, प्रा., ग्रं.११०००, कृ.विः प्रथम आदर्श लेखक-गणि विमलचन्द्र. पातासंघवी ४८, पृ. २३७, श्रेयांसजिनचरित्र, वि-१४७०, संपूर्ण प्रत विशेष- सारी छे. डीवीडी-२८/४६ श्रेष्ठिसेनकथा-पञ्चमाणुव्रतेपरिपालनदृष्टान्ते (पञ्चमाणुव्रतेपरिपालनदृष्टान्ते -श्रेष्ठिसेनकथा) प्रा., पद्य, गा.७४, आदि वाक्यः खेत्ते वत्थु हिरं ने सुवन्न धण धन्न दुपय चउचरण... पातासंघवीजीर्ण ९२- पे.क्र.६, पृ. २६०-३६A, ओघनियुक्ति आदि, अष्टप्रकारीजिनपूजाकथानक आदि, संपूर्ण पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र ३९-४३ पर यह कृति उपलब्ध है. प्रत विशेष- जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित., झेरोक्ष पत्र बे उपर कथासूची आपेली छे. कुल झे.पृष्ठ-६४, डीवीडी-५८/६० श्लोक सङ्ग्रह जुओ - प्रकीर्ण श्लोक, संस्कृत श्लोकबद्ध कल्पमञ्जरी कथाकोष जुओ - कल्पमञ्जरी कथाकोष श्लोकबद्ध, आचार्य-जयतिलकसूरि, संस्कृत श्लोकसप्तशती हेमचन्द्राचार्यकृतिगत श्लोकसङ्ग्रह (हेमचन्द्राचार्यकृतिगत श्लोकसङ्ग्रह श्लोकसप्तशती) आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., पद्य, ग्रं.७००, पाकाहेम ८६७४, पृ. १५, श्लोकसप्तशती, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- हेमचन्द्राचार्यकृतिगत कुल झे.पृष्ठ-१२ श्वेतपटता क्रियते मया वाक्यार्थविचारवादस्थानक आचार्य-अजितदेव आचार्य, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम ११८५, आदि वाक्यः इह हि नैयायिकमतानुसारिणा केनचिथापितं नामगर्भ[... कृ.विः परिमाण काव्य स्वरूपे छे. अताका ४८५- पे.क्र. २, पृ. २५-३६, मोहोन्मूलनवादस्थानक वाक्यार्थविचारवादस्थानक, संपूर्ण पे. विशेष- पत्रांक झेरोक्ष पत्र का उल्लिखित है. प्रत विशेष- पृष्ठ माहिती नथी. कुल झे.पृष्ठ-३६, डीवीडी-१०३/१०४ 749
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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