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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१४५ शाश्वताशाश्वतचैत्यमाला आचार्य-जिनप्रभसूरि, अप., पद्य, गा.२४, पातासंघवी ७२-३- पे.क्र. १८, पृ. १-४, बृहत् सङ्ग्रहणी आदि, संपूर्ण डीवीडी-३१/५० शाश्वताशाश्वतजिनचैत्यवन्दन हेलाराज, गुरु-मुनि-स्वर्णनन्दी (दि.), सं., पद्य, श्लोक१३, आदि वाक्यः नित्ये श्रीभवनाधिवासभवनवाते मणिद्योतिते... पाताहेसं १८९- पे.क्र. २४, पृ. ११५A-११६B, दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१४. प्रत विशेष- त्रुटक. कुल पत्र-४५+१५९=२०४. इसमें दूसरे क्रम के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं. कुल झे.पृष्ठ-८४, डीवीडी-१०/१९ पाकाहेम १३१७१- पे.क्र. ७, पृ. ४०-४B, वीरजिन,भारती-सरस्वति आदि स्तोत्रसङ्ग्रह, वि-१९मी, संपूर्ण पे. विशेष- श्लोक-१५. कुल झे.पृष्ठ-८ शास्त्रप्रकारविवरण सं., पद्य, पाताहेसं ५७- पे.क्र. ९, पृ. १६९अ-१६९आ, शान्तिनाथचरित्र महाकाव्य आदि, वि-१३८४, संपूर्ण पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६४-१६६. प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. प्रति सुन्दर लिपि, विशेष टिप्पण, पदच्छेद, संधिसूचक आदि लाक्षणिकताओं से युक्त है. कुल झे.पृष्ठ-१७०, डीवीडी-६/१५ शास्त्रवार्तासमुच्चय आचार्य-हरिभद्रसूरि, सं.. पाताखेत ४४-२, पृ. ४७, शास्त्रवार्तासमुच्चय, संपूर्ण डीवीडी-६२/६४ भांका २३५, पृ. १०२, शास्त्रवार्तासमुच्चय, संपूर्ण डीवीडी-८८ शास्त्रसारसमुच्चय सं., गद्यअध्याय४, आदि वाक्यः सीमं नम्रामरस्तोमं प्राप्तानन्त चतुष्टयं... भांका २९३- पे.क्र. ११, पृ. ५७B-५९B, अर्हत्मण्डपप्रतिष्ठादि सङ्ग्रह, वि-१४६१, संपूर्ण प्रत विशेष- अधिकतम कृतियां दिगम्बर विद्वान रचित है. ___ कुल झे.पृष्ठ-२२, डीवीडी-९१ शास्त्रीय विचार सङ्ग्रह जुओ - प्रकीर्णक अनेक शास्त्रीय विचारसङ्ग्रह, प्राकृत शास्त्रीयवादस्थल सं., पातासंघवीजीर्ण ३१- पे.क्र. ४, पृ. २९-१९५, वसन्तराज शाकुनिक शास्त्र आदि, वि-१३०६, अपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २९ थी ४५ सुधी नथी. त्रुटक, अव्यवस्थित. डीवीडी-५६/५९ शास्त्रीयविचारगर्भित -यशोविजयोपाध्यायपत्र जुओ - यशोविजयोपाध्यायपत्र-शास्त्रीयविचारगर्भित, मारुगूर्जर शास्वतजिनभवन स्तोत्र प्रा., पद्य, गा.२५, आदि वाक्यः वन्दिय चउवीसजिणे सिद्धाययणेसु सव्वसिद्धाणं... 718
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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