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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- १-१९ नंबरना पेज नथी.
डीवीडी-९९/१०० वताकांति ३९६, पृ. ३८८, व्यवहारसूत्रवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- १६६ नंबरनुं पार्नु नथी.
डीवीडी-९७/९८ पाकाहेम ६८६- पे.क्र. ३, पृ. १-४१४, व्यवहारसूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, टीका तृतीयोद्देश पर्यन्त-प्रथमखण्ड,
प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थान-१७२५९.
कुल झे.पृष्ठ-४१३ पाकाहेम ६८७- पे.क्र. ३, पृ. १-३०९, व्यवहारसूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, टीका-खण्ड-२, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थान-१७३६६.
कुल झे.पृष्ठ-२११ पाकाहेम ६८८१, पृ. ६०८, व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य-वृत्तिसहित, वि-१६४६, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३९३मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-६१० पाकाहेम १००४९, पृ. २२८, व्यवहारसूत्रनियुक्ति-भाष्य-वृत्तिसह प्रथम खण्ड, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थान-१६८५६. प्रथम पत्रमा समवसरणनुं चित्र छे.
कुल झे.पृष्ठ-२२८ पाकाहेम १००५०, पृ. २३९, व्यवहारसूत्रनियुक्ति-भाष्य-वृत्तिसह द्वितीय खण्ड, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३१६मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-४६७ व्यवहारवृत्तिगतप्रायश्चिताधिकार
सं., गद्य,
कृ.विः उद्देशक-१०. पाकाहेम ७९५०, पृ. ४, व्यवहारवृत्तिगतप्रायश्चित्तधिकार, वि-१७मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ व्यवहारसूत्र-(सं.)पर्याय
सं., गद्य, पाकाहेम ७१११- पे.क्र. ११, पृ. २३-२४, सर्वसिद्धान्तविषमपदपर्याय, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-८४ व्यवहारसूत्र-(सं.)बीजक
सं., गद्य, पाकाहेम ५३६३, पृ. २, व्यवहारसूत्र बीजक, वि-२०मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ व्यवहारसूत्र-(सं.)अवचूरि आचार्य-सौभाग्यसागरसूरि, सं., गद्य, आदि वाक्यः य इति सर्वनाम अनिर्दिष्ट नामनो निर्देशे...
कृ.विः यह अवचूरि बृहट्टीका से संकलन करके संक्षेप में बनायी गयी है. पुप्रे ४३८, पृ. ७८, व्यवहारसूत्रावचूरि, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७६ व्यवहारसूत्र-(प्रा.)चूर्णी प्रा., गद्यअध्याय१०, ग्रं.१२०००, आदि वाक्यः उक्तः कल्पः। अधुना व्यवहारस्यावसरः प्राप्तः ।
कृ.विः परिमाण-उद्देशक-१०. पातासंघवी ४०, पृ. २७१, व्यवहारचूर्णि, वि-१४७०, संपूर्ण
प्रत विशेष- सारी छे.
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