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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम १००४९, पृ. २२८ व्यवहारसूत्रनिर्युक्ति-भाष्य वृत्तिसह प्रथम खण्ड, वि-१६मी प्रतिपूर्ण प्रत विशेष ग्रन्थाग्र- १६८५६. प्रथम पत्रमां समवसरणनुं चित्र छे. कुझे. पृष्ठ- २२८ पाकाहेम १००५०, पृ. २३९, व्यवहारसूत्रनिर्युक्ति-भाष्य - वृत्तिसह द्वितीय खण्ड, वि-१६मी, संपूर्ण डबल छे. प्रत विशेष पत्र ३१६ - कुल ३. पृष्ठ-४६७ व्यवहारसूत्र - (प्रा.) भाष्य प्रा. पद्य, ग्रं. ६०००, " पातासंघवी ४१-१, पृ. १२७, व्यवहारभाष्य, संपूर्ण प्रत विशेष सारी छे पत्र ७० तुटेलुं छे. पत्र ६९-७०नी एक एक कंडीका छे. डीवीडी - २६/४५ पाकाहेम ६८६- पे.क्र. २, पृ. १-४१४, व्यवहारसूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, टीका तृतीयोदेश पर्यन्त-प्रथमखण्ड, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष ग्रन्थाग्र-१७२५९. कुल झे. पृष्ठ-४१३ पाकाहेम ६८७- पे.क्र. २ पृ. १-३०९ व्यवहारसूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य टीका खण्ड-२, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष ग्रन्थाग्र-१७३६६. कुल झ. पृष्ठ- २११ झे. पाकाहेम ६८८१, पृ. ६०८, व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य-वृत्तिसहित वि-१६४६, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३९३मुं डबल छे. कुल झे. पृष्ठ ६१० पाकाहेम १००४७, पृ. ८०, व्यवहारसूत्र भाष्य, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष ग्रन्थाग्र-४६२९. कुल डी. पृष्ठ- ८० पाकाहेम १००४९, पृ. २२८, व्यवहारसूत्रनिर्युक्ति-भाष्य - वृत्तिसह प्रथम खण्ड, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष ग्रन्थाग्र- १६८५६. प्रथम पत्रमां समवसरणनुं चित्र छे. कुल ३. पृष्ठ-२२८ झे पाकाहेम १००५०, पृ. २३९ व्यवहारसूत्रनिर्युक्ति-भाष्य-वृत्तिसह द्वितीय खण्ड, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष पत्र ३१६ डबल छे. - कुल झे. पृष्ठ-४६७ व्यवहारसूत्र - (प्रा.) भाष्य ( व्यवहारभाष्य ) गणि-जिनदास गणि क्षमाश्रमण, प्रा., पद्य, पाताहेसं १२, पृ. १-७, व्यवहारसूत्र भाष्य-वृत्तिसहितद्वितीय खण्ड चतुर्थ उद्देशथी अष्टम उद्देश पर्यन्त प्रतिपूर्ण डीवीडी-२/१२ T व्यवहारसूत्र - (प्रा.) चूर्णी प्रा., गद्यअध्याय १०, ग्रं. १२०००, आदि वाक्यः उक्तः कल्पः । अधुना व्यवहारस्यावसरः प्राप्तः । कृ.विः परिमाण - उद्देशक- १०. पातासंघवी ४०, पृ. २७१, व्यवहारचूर्णि वि-१४७०, संपूर्ण प्रत विशेष- सारी छे. ' डीवीडी-२६/४५ " पाकाहेम ३४७४, पृ. २०८, व्यवहारसूत्रचूर्णि वि - १५९१, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ८७-८८ अने ९५-९६ भेगा छे. कुल झे. पृष्ठ- १३८ पाकाहेम ६५३७, पृ. १५८, व्यवहारसूत्रचूर्णि वि-१४९४ संपूर्ण 694
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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