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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- पत्रांक-६०-११०. कुल झे.पृष्ठ-१६, डीवीडी-६२/६४ वीतरागस्तव-(सं.)टीका सं., गद्य, पाताखेत ५४-१- पे.क्र. १, पृ. ९६-९८, सटीक वीतरागस्तवादि जिनस्तोत्र, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्रांक-६०-११०. कुल झे.पृष्ठ-१६, डीवीडी-६२/६४ वीतरागस्तव जुओ - वीतरागस्तोत्र, आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, संस्कृत, ग्रं.१८७ वीतरागस्तव-(सं.)टीका सं., गद्य, पाताखेत ५४-१- पे.क्र. १, पृ. ९६-९८, सटीक वीतरागस्तवादि जिनस्तोत्र, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्रांक-६०-११०. कुल झे.पृष्ठ-१६, डीवीडी-६२/६४ वीतरागस्तवन जुओ - प्रभातकुलक, संस्कृत, श्लोक१३ वीतरागस्तवन आचार्य-जैत्रसूरि, सं., पद्य, का.८, आदि वाक्यः शान्तं शिवं शिवपदस्य... पाकाहेम १२३७४- पे.क्र.४, पृ. १, परमात्मद्वात्रिंशिका आदि, वि-१६मी, संपूर्ण वीतरागस्तवन सं., पद्य, श्लोक१३, आदि वाक्यः ॐकारस्फाररूपं परमपदगतं... पाकाहेम १३१७१- पे.क्र.३, पृ. १B-२A, वीरजिन,भारती-सरस्वति आदि स्तोत्रसङ्ग्रह, वि-१९मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ वीतरागस्तोत्र सं., पद्य, गा.९, पातासंघवी २०६-२- पे.क्र. ४८, पृ. १३७-१३८, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण डीवीडी-३८/५५ वीतरागस्तोत्र (वीतरागस्तव) आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., पद्यअध्याय२०, ग्रं.१८७, आदि वाक्यः यः परात्मा परञ्ज्योतिः परमः परमेष्ठिनाम्... कृ.विः प्रकाश-२०. पातासंघवीजीर्ण ६०- पे.क्र. २, पृ. १-२२, उणादिवृत्ति तथा वीतरागस्तव, वि-१२३१, त्रुटक पे. विशेष- जीर्ण-त्रुटक छे., प्रत विशेष- गायकवाड केटलोगमां पत्र-१४९ थी १६९ छे., डीवीडी-५७/६० पातासंघवी १०८- पे.क्र.७, पृ. १९१-२०९, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण डीवीडी-३३/५२ पातासंघवी १५१- पे.क्र. ११, पृ. ३९-५४, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- आ ग्रंथमां घणे ठेकाणे केटलांक प्रकरणोमां पानाना अक्षरो घसाई गया छे. डीवीडी-३५/५३ पातासंघवी १७४- पे.क्र. २, पृ. ३२-४५, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. पत्र ४४नो १ टुकडो नथी. झेरोक्ष पत्र-११-१८. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्रांक ७९ अनुपलब्ध है. कुल झे.पृष्ठ-१५४, डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ५५-२- पे.क्र.६, पृ. १०५-१३७, योगशास्त्र आदि, संपूर्ण डीवीडी-२९/४७ पातासंघवी ६४-२- पे.क्र. १०, पृ. २४१-२४९, आवश्यकनियुक्ति आदि, संपूर्ण 679
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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