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________________ वामनीय लिगानुशासन- (सं.) वृत्ति सं., गद्य, आदि वाक्यः श्रेयांसं शिवमीश्वरं प्रशमिताशेषात्मदोषः.... पाताहेसं १४७- पे.क्र. १, पृ. १-४६, लिङ्गानुशासन वृत्तिसहित आदि, वि-१२७३, संपूर्ण पे नाम वामनीय लिङ्गानुशासन सह (सं.) टीका प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां पत्र ८५ आप्या छे.. डीवीडी-८/१७ वामनीय लिङ्गानुशासन- (सं.) वृत्ति सं., गद्य, आदि वाक्यः श्रेयांसं शिवमीश्वरं प्रशमिताशेषात्मदोषः .... कृति उपरथी प्रत माहिती पाताहेसं १४७ - पे.क्र. १, पृ. १-४६, लिङ्गानुशासन वृत्तिसहित आदि वि - १२७३, संपूर्ण " पे. नाम वामनीय लिगानुशासन सह (सं.) टीका प्रत विशेष - गायकवाड केटलॉगमां पत्र ८५ आप्या छे. डीवीडी-८/१७ वामनीयालङ्कार जुओ - वामनीय काव्यालङ्कार, जैनेतर-वामन, संस्कृत वार्तिकसूत्र जुओ प्रमाणवार्तिकसूत्र आचार्य सिद्धसेन दिवाकर सूरि संस्कृत वार्तिकसूत्र (सं.) वृत्ति विचारकलिका जुओ प्रमाणवार्तिकसूत्र (सं.) वृत्ति, आचार्य शान्तिसूरि, संस्कृत - वासवदत्ता - " कवि सुबन्धु, सं... पाकाहेम १०६९८ पृ. १५ वासवदत्ताकथा वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष प्रति पाणीथी भींजायेली छे. वासुपूज्यचरित्र उपाध्याय - चन्द्रप्रभोपाध्याय, प्रा., आदि वाक्यः सुहसिद्धिवहुवसीकरणपच्चला जस्स नामवन्ना वि.... पातासंघवी ९१, पृ. १- ३१२, वासूपुज्यचरित्र, अपूर्ण प्रत विशेष अंत नथी, अपूर्ण वासुपूज्यस्वामिचरित्र पद्य डीवीडी-३२/५१ वासुपूज्यचरित्र सङ्घनकं जुओ वासुपूज्यचरित्र सर्थनक आचार्य वर्द्धमानसूरि, संस्कृत वासुपूज्यचरित्र सर्थनकं ( वासुपूज्यचरित्र सङ्घनकं) आचार्य - वर्द्धमानसूरि, गुरु- आचार्य - विजयसिंहसूरि, सं., पद्य, आदि वाक्यः अर्हं नौमि .... भांका १४९, पृ. ३, वासुपूज्यचरित्र सर्थनकं, वि - १४८७, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-६६४. डीवीडी-८५ आचार्य-वर्द्धमानसूरि, गुरु- आचार्य - विजयसिंहसूरि, सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १२९९, ग्रं. ५४९४, आदि वाक्यः मत्ये पतिर्दध्यौ नृपोयं भुजदुर्मदः..... कृ. विः कर्ता नागेन्द्रगच्छ पाताहे ७०, पृ. २५२, वासुपूज्यचरित्र महाकाव्य पद्य, संपूर्ण डीवीडी-६/१६ भांका ३०९, पृ. ९९, वासुपूज्यचरित्र वि-१४६९. संपूर्ण प्रत विशेष सूचीपत्र संख्या ४-६६१ पेज १ नहीं है. श्लोक- ५४४२. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. डीवीडी-१२ वासुपूज्यचरित्र सर्थनकं ( वासुपूज्यचरित्र सङ्घनकं ) आचार्य - वर्द्धमानसूरि, गुरु- आचार्य - विजयसिंहसूरि, सं., पद्य, आदि वाक्यः अर्ह नौमि .... भांका १४९, पृ. २. वासुपूज्यचरित्र सर्वनर्क, वि-१४८७, संपूर्ण प्रत विशेष सूचीपत्रक्रम-६६४. डीवीडी-८५ 659
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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