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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-१७ वर्धमानविद्या (वद्धमाणविज्जा) आचार्य-चक्रेश्वरसूरि, प्रा., पद्य, गा.१२, आदि वाक्यः विलसन्तजोइवीए परमट्ठीणं सरेमि पञ्चन्हें... कृ.विः अंतिमवाक्य-इय वद्धमाणविज्जा चक्केसरपहुपसायसंपत्ता. पातासंघवी १७२-३- पे.क्र. १४, पृ. ९१B-९७B, अपभ्रंशस्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- अस्तव्यस्त-त्रुटक., कर्ता-चक्रेश्वरसूरि आदि. कुल झे.पृष्ठ-३०, डीवीडी-३६/५४ भांता ७०- पे.क्र.५, पृ. ५A-4B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१४०१. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ वर्धमानविद्या प्रा., गद्य, आदि वाक्य: ॐ नमो अरहन्ताणं ॐ नमो सिद्धाणं... भांता ७०- पे.क्र. ५१, पृ. ५६A-५६B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-३-२९४. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ वर्धमानविद्यास्तव प्रा., पद्य, गा.१२, पाकाहेम ९७३१- पे.क्र. १, पृ. १-२, वर्धमानविद्यास्तव आदि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ वर्धमानविद्यास्तव प्रा., पद्य, गा.१७, पाकाहेम ९७३१- पे.क्र. २, पृ. १-२, वर्धमानविद्यास्तव आदि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ वर्धमानस्तवन आचार्य-जयकेसरीसूरि, सं., पद्य, का.१३, आदि वाक्यः आनन्दमेदुरसुरेश्वर... पाकाहेम १२३४७, पृ. १, वर्धमानस्तवन, वि-१६मी, संपूर्ण वर्धमानस्तुति प्रा., पद्य, गा.१८, आदि वाक्यः नमिऊण सङ्खसत्थियचक्ककुसकमलपन्तिदुल्ललियं।... पाताहेसं १६८- पे.क्र. २०, पृ. ३६अ-३७अ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण पे. विशेष- संपूर्ण. गाथा-२०. झेरोक्ष पत्र-३३-३४. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ भांता ७२- पे.क्र. २७, पृ. १४८A-१५०A, दशवैकालिकसूत्रनियुक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- वर्द्धमानस्तव, पे. विशेष- गाथा-२१. सूचिपत्र नं.१-११६५. प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-७११. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ वर्धमानस्तुति जुओ - स्नातस्या-वीरस्तुति, आचार्य-बालचन्द्रसूरि, संस्कृत, का.४ वर्धमानस्वामिस्तवन (महावीरस्वामिस्तवन) 653
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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