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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती डीवीडी-८८ वन्दनक भाष्य-(प्रा.)चूर्णि प्रा., गद्य, वताकांति ४१८, पृ. ९०, वन्दनक चूर्णी, संपूर्ण डीवीडी-९७/९८ वन्दनकगाथा (वन्दणगाहा), (गुरुवन्दनक गाथा) प्रा., पद्य, गा.४६, आदि वाक्यः मुहणन्तयदेहावसस्स(ए)सु पणवीसमे च पत्तेयं... कृ.विः अन्तिमवाक्य-वंदण आलोयण खामणे सुवन्नाण परिसंखा. भांता ७०- पे.क्र.८, पृ. ८B-99A, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१३०२. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ वन्दनकपदपर्यायमञ्जरी आचार्य-अकलङ्कदेवसूरि, सं., गद्य, पाकाहेम ६९४४- पे.क्र. २, पृ. ?, चैत्यवन्दनपदपर्यायमञ्जरी त्रुटक आदि, वि-१५०१, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-६ वन्दनकभाष्य आचार्य-देवेन्द्रसूरि, प्रा., पद्य, गा.५०, आदि वाक्यः (१) नमिऊण महावीरं बाणउयसयं भणामि वन्दणए।...(२) गुरुवन्दणमह तिविहं.... कृ.विः प्रचलित भाष्यत्रय करतां भिन्न. भांका १४८ - पे.क्र. २, पृ. ८A-१२A, चैत्यवन्दनादिभाष्य अवचूर्णि सहित, संपूर्ण पे. नाम- वन्दनकभाष्य सह अवचूरि, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१३१०. प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-१-१२२७, १-१३१०, १-१२६२. ___ कुल झे.पृष्ठ-१०, डीवीडी-८५ वन्दनकभाष्य-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, आदि वाक्यः अथेत्यानन्तर्यार्थे चैत्यवन्दनानन्तरं गुरुवन्दनं... भांका १४८- पे.क्र. २, पृ. ८A-१२A, चैत्यवन्दनादिभाष्य अवचूर्णि सहित, संपूर्ण पे. नाम- वन्दनकभाष्य सह अवचूरि, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१३१०. प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-१-१२२७, १-१३१०, १-१२६२. कुल झे.पृष्ठ-१०, डीवीडी-८५ वन्दनकभाष्य-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, आदि वाक्यः अथेत्यानन्तर्यार्थे चैत्यवन्दनानन्तरं गुरुवन्दनं... भांका १४८ - पे.क्र. २, पृ. ८A-१२A, चैत्यवन्दनादिभाष्य अवचूर्णि सहित, संपूर्ण पे. नाम- वन्दनकभाष्य सह अवचूरि, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१३१०. प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-१-१२२७, १-१३१०, १-१२६२. कुल झे.पृष्ठ-१०, डीवीडी-८५ वन्दनकभाष्य-(सं.)अवचूर्णि आचार्य-सोमसुन्दरसूरितिपागच्छ], सं., गद्य, आदि वाक्यः गुरूवन्दण. अथेत्यानन्तर्यार्थे चैत्यवन्दनानन्तरं गुरूवन्दनं __कथ्यते इत्यर्थः ।... भांका २२४- पे.क्र. २, पृ. ७A-११A, चैत्यवन्दनभाष्यावचूर्णि आदि, वि-१५६२, संपूर्ण पे. नाम- वन्दनकभाष्य सह (सं.)अवचूर्णि, पे. विशेष- सूचीपत्र नं.१-१३०८. प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-१२२५, १-१३०८, १-१२६५. 651
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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