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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती भांका ९०- पे.क्र. २, पृ. ११A-१८B, आदिनाथ देशनादि दृष्टान्तकथासङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- सामान्य पूर्वभूमिका सहित. सामान्य टिप्पण. कुल झे.पृष्ठ-२०, डीवीडी-८४ यशोधरचरित्र (गद्य) उपाध्याय-हेमकुञ्जर, सं., गद्य, पाकाहेम २१०५, पृ. १९, यशोधरचरित्र गद्य, वि-१६०७, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-११ यशोविजयोपाध्यायपत्र-शास्त्रीयविचारगर्भित (शास्त्रीयविचारगर्भित -यशोविजयोपाध्यायपत्र) मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम १२००४, पृ. ५, यशोविजयोपाध्यायपत्र-शास्त्रीयविचारगर्भित, वि-१९मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३ युक्तिप्रकाश गणि-पदमसागर, सं., पद्य, श्लोक२८, आदि वाक्यः प्रणपत्यव्यक्तभक्त्या श्रीवर्दधमानक्रमाम्बुजं... कृ.विः हीरविजयसूरि विजयराज्ये विरचितं. पाकाहेम ५०९४, पृ. १२, युक्तिप्रकाश स्वोपज्ञ विविरणसहित, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ भांका २८५, पृ. ५, युक्तिप्रकाशसूत्र स्वोपज्ञवृत्ति सह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४, डीवीडी-९१ युक्तिप्रकाश-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण गणि-पद्मसागर, सं., गद्य, आदि वाक्यः प्रणम्य श्रीमहावीरं नम्राखण्डलमण्डलं... पाकाहेम ५०९४, पृ. १२, युक्तिप्रकाश स्वोपज्ञ विविरणसहित, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ भांका २८५, पृ. ५, युक्तिप्रकाशसूत्र स्वोपज्ञवृत्ति सह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४, डीवीडी-९१ युक्तिप्रकाश-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण गणि-पद्मसागर, सं., गद्य, आदि वाक्यः प्रणम्य श्रीमहावीरं नम्राखण्डलमण्डलं... पाकाहेम ५०९४, पृ. १२, युक्तिप्रकाश स्वोपज्ञ विविरणसहित, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ भांका २८५, पृ. ५, युक्तिप्रकाशसूत्र स्वोपज्ञवृत्ति सह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४, डीवीडी-९१ युगप्रधान आचार्यगाथा प्रा., पद्य, आदि वाक्यः जुगुपहाणु सिरिअभयसूरि हेमसूरि समिद्धउ विजयसिन्धु मुणिराउ... पाताहेसं ११६- पे.क्र. ४, पृ. १६८आ, उपदेशमालाप्रकरण आदि, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. गाथा-२ अपूर्ण तक है. झेरोक्ष पत्र-७२वां. प्रत विशेष- पत्रांक-१६९-१९६ नहीं हैं. ___कुल झे.पृष्ठ-९७, डीवीडी-७/१७ युगप्रधानसत्तरी जुओ - गणधरसत्तरी, प्राकृत, गा.७१ युगादिजिनचरितकुलक जुओ - ऋषभचरितस्तवन चरितकुलक, आचार्य-जिनप्रभसूरि, अपभ्रंश, गा.२७ युगादिजिनस्तवन इलदुर्गमण्डन (इलदुर्गमण्डन युगादिजिनस्तवन), (आदिजिनस्तवन-इलदुर्गमण्डन) आचार्य-मुनिसुन्दरसूरि[तपागच्छ], सं., पद्य, का.२४, आदि वाक्यः जय श्रीमन्नाभिप्रभवः... पाकाहेम १२१४५, पृ. १, इलदुर्गमण्डनयुगादिजिनस्तवन, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- जीर्णप्राय. कुल झे.पृष्ठ-२ युगादिजिनस्तवन कुल्पपाकमण्डन (कुल्पपाकमण्डन युगादिजिनस्तवन), (आदिजिनस्तवन) 616
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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