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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवी १७९-१- पे.क्र. ४, पृ. १७४-१७७, योगशास्त्र चतुःप्रकाशान्तर्गतसुभाषितसमुच्चय आदि, प्रतिपूर्ण डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी १९६-२- पे.क्र. १८, पृ. २३३-२३७, उपदेशमणिमाला आदि, वि-१३८८, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-२९. प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. डीवीडी-३७/५५ पातासंघवी १९८-२- पे.क्र. १३, पृ. ६८-७०, श्रावकधर्मविधिप्रकरण आदि, संपूर्ण पे. विशेष- का.२९. डीवीडी-३८/५५ पातासंघवी २०६-२- पे.क्र. २१, पृ. ११४मुं, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण डीवीडी-३८/५५ पाताहेसं १६१- पे.क्र. ४६, पृ. ३२९-३३१, दशवैकालिकसूत्र आदि प्रकरण सङ्ग्रह, वि-१३८९, संपूर्ण पे. विशेष- का.२९. प्रत विशेष- प्रान्ते कृतिओनी अनुक्रमणिका आपेली छे. ___ कुल झे.पृष्ठ-१७०, डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १६८- पे.क्र. ४६, पृ. ९०आ-९३आ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण पे. नाम- रत्नमालिका, पे. विशेष- संपूर्ण झेरोक्ष पत्र-५०-५२. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ पाताहेसं १८९- पे.क्र. २७, पृ. १२१B-१२३०, दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- रत्नमाला, पे. विशेष- श्लोक-२९. प्रत विशेष- त्रुटक. कुल पत्र-४५+१५९=२०४. इसमें दूसरे क्रम के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं. कुल झे.पृष्ठ-८४, डीवीडी-१०/१९ भांता २४- पे.क्र. १०, पृ. ९०A-९३A, उपदेशमालाप्रकरण आदि, पूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.२-२३३. डीवीडी-६८/७७ भांता ७२- पे.क्र. १४, पृ. ७४A-७६B, दशवैकालिकसूत्रनियुक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- सूचिपत्र नं.-११९१. प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-७११. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ तालाद ३२६- पे.क्र. ६, पृ. ६३-६४, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१०६, डीवीडी-९४/९६ अताका ४९७- पे.क्र. १४, पृ. १८७A-१९०B, प्रकरणपुस्तिका, वि-१३०१, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रतिलेखन पुष्पिका. सचित्र. ____ कुल झे.पृष्ठ-१२७, डीवीडी-१०३/१०४ पाकाहेम १०२२- पे.क्र. २४, पृ. ६०-६१, प्रकरण, स्तुति, स्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- का.२९. प्रत विशेष- पत्र ६८ थी ७० नथी. इसी भंडार के प्रत नं.१०१२ को भूल से नं.१०२२ लिखा गया था. असल __ में १०२२ नं.की झेरोक्ष प्रति नहीं है परन्तु कम्प्यूटर में प्रविष्ट की गयी कृति माहिती सही है. पाकाहेम १०२३- पे.क्र. १०, पृ. १५-१६, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- प्रश्नोत्तरमालिका, पे. विशेष- गाथा-२९. प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. 532
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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