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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती गणि-रविसागर, सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १६४५, श्लोक७२००, पाकाहेम १७१६, पृ. ३३६, प्रद्युम्नचरित्र श्लोकबद्ध, वि-१६४५, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३०९ प्रबन्धचिन्तामणि जुओ - चतुर्विंशतिप्रबन्ध, आचार्य-मेरुतुङ्गसूरि, संस्कृत प्रबन्धचिन्तामणी जुओ - चतुर्विंशतिप्रबन्ध, आचार्य-मेरुतुङ्गसूरि, संस्कृत प्रबन्धसङ्ग्रह जुओ - पुरातनप्रबन्धसङ्ग्रह, संस्कृत प्रबन्धसङ्ग्रह जुओ - पूर्वाचार्यप्रबन्धसङ्ग्रह, संस्कृत प्रबोधचन्द्रोदयनाटक जैनेतर-कृष्णमिश्र, प्रा., पातासंघवी १७३-२, पृ. १५६, प्रबोधचन्द्रोदयनाटक, संपूर्ण प्रत विशेष- पहेलुं ने छेल्लुं पार्नु त्रुटक ने चोंटेलां छे. डीवीडी-३६/५४ प्रबोधचिन्तामणि आचार्य-जयशेखरसूरि, सं., पद्य, श्लोक१९७६, पाकाहेम १६५४२, पृ. ३४, प्रबोधचिन्तामणि, वि-१७३०, संपूर्ण प्रबोधसार पण्डित-यशोकीर्ति, सं., पद्य, ग्रं.५७८, आदि वाक्यः अकारादि णकारान्तान्... भांका १६७, पृ. २६, प्रबोधसार, संपूर्ण प्रत विशेष- ५ मुं पत्र नथी. कुल झे.पृष्ठ-१३, डीवीडी-८६ प्रभातकुलक (प्रभातकुलकस्तोत्र), (वीतरागस्तवन) सं., पद्य, श्लोक१३, आदि वाक्यः प्रातरेव समुत्थाय तीर्थनाथ मुखं तव।... पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. ११, पृ. ७३-७४, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी. कुल झे.पृष्ठ-८१ प्रभातकुलकस्तोत्र जुओ - प्रभातकुलक, संस्कृत, श्लोक१३ प्रभातप्रबोधकुलक जुओ - श्रावकधर्मकुलक, प्राकृत, गा.२१ प्रभातस्मरण प्रा., पद्य, गा.०३, आदि वाक्यः कम्मभूमिहिं पढम सङ्घयणि... पाकाहेम ७७५- पे.क्र. २४, पृ. ३८, दशवैकालिक आदि सूत्रप्रकरण चरित्र स्तोत्र सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली छे, पत्र-५८,५९ भेगा छे. कुल झे.पृष्ठ-९० प्रभातिक जीवानुशासन जुओ - प्राभातिक जीवानुशासन, आचार्य-वादिदेवसूरि, प्राकृत, गा.२३ प्रभातिक स्तुति जुओ - प्राभातिक स्तुति, आचार्य-मुनिचन्द्रसूरि, संस्कृत, का.९ प्रभातिकाष्टक सं., पद्य, गा.९, आदि वाक्यः सर्वज्ञ सर्वहित सर्वद सर्वदर्शिन्... पातासंघवी १६६- पे.क्र. २, पृ. ५, चैत्यवन्दन आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रारंभना १-८ पत्र बढते पत्ररूपे लीधा छे. (८+१९४) डीवीडी-३६/५४ प्रभावकचरित्र आचार्य-प्रभाचन्द्रसूरि, सं.. पाताहेसं १६९, पृ. १४३, प्रभावकचरित्र (कागळ), संपूर्ण डीवीडी-९/१८ प्रमाणकलिकासूत्र 513
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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