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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-९९ पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)टीका गणि-साधुसोमगणि, सं., गद्य, ग्रं.१५१२, पाकाहेम १४८७१, पृ. ९८, पुष्पमालाप्रकरणसटीक, वि-१५४९, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९९ पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)वृत्ति आचार्य-हेमचन्द्रसूरि मलधारी, सं., गद्य, ग्रं.१३८६८, आदि वाक्यः येन प्रबोधपरिनिर्मितवाग्वरत्रां क्षिप्त्वोद्धृतानि भुवनानि भवान्धकूपात्... पाताखेत १०, पृ. २-४८, उपदेशमाला सह स्वोपज्ञ वृत्ति (भाग-१/?), प्रतिअपूर्ण प्रत विशेष- भावनायां ब्रह्मचर्ये श्रीस्थूलभद्रकथा गाथा-१८ थी गुरुकुलवासविषय गाथा ३२७ सुधी उपलब्ध छे. अन्तभाग अपूर्ण. ५७मुं पार्नु घटे छे. , झेरोक्ष पत्र १०२ न होवानु नोध १०३ पत्र उपर मळे छे. मूलपत्र २०९०-२१३A भागनुं झेरोक्ष नथी. कुल झे.पृष्ठ-११८, डीवीडी-६१/६३ पातासंघवीजीर्ण ९७- पे.क्र. ३, पृ. ?, उत्तराध्ययनसूत्र सह सुखबोधा टीका आदि अनेक ग्रन्थनां परचुरण त्रुटक पानां, संपूर्ण पे. नाम- उपदेशमाला सह टीका, पे. विशेष- पत्र अस्त-व्यस्त है. डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १२, पृ. ३४८, पुष्पमाला (कुसुममाला) वृत्ति, वि-१३१३, संपूर्ण प्रत विशेष- वचमां घणा पानाना टुकडा छे तेम सर्वथा पण नथी., विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका., गाथा-४१. डीवीडी-२१/४० पाताहेसं ३९, पृ. ३९८, पुष्पमालाप्रकरण स्वोपज्ञवृत्तिसह, वि-१४२५, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१४०००. डीवीडी-५/१४ पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम १०७३३, पृ. ७, पुष्पमालाप्रकरणावचूरि, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एख बाजुथी उंदरे करडेली छे. पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम १०७३३, पृ. ७, पुष्पमालाप्रकरणावचूरि, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एख बाजुथी उंदरे करडेली छे. पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)टीका गणि-साधुसोमगणि, सं., गद्य, ग्रं.१५१२, पाकाहेम १४८७१, पृ. ९८, पुष्पमालाप्रकरणसटीक, वि-१५४९, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९९ पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)वृत्ति आचार्य-हेमचन्द्रसूरि मलधारी, सं., गद्य, ग्रं.१३८६८, आदि वाक्यः येन प्रबोधपरिनिर्मितवाग्वस्त्रां क्षिप्त्वोद्धृतानि भुवनानि भवान्धकूपात्... पाताखेत १०, पृ. २-४८, उपदेशमाला सह स्वोपज्ञ वृत्ति (भाग-१/?), प्रतिअपूर्ण प्रत विशेष- भावनायां ब्रह्मचर्ये श्रीस्थूलभद्रकथा गाथा-१८ थी गुरुकुलवासविषय गाथा ३२७ सुधी उपलब्ध छे. अन्तभाग अपूर्ण. ५७मुं पार्नु घटे छे. , झेरोक्ष पत्र १०२ न होवानु नोध १०३ पत्र उपर मळे छे. मूलपत्र २०९०-२१३A भागनुं झेरोक्ष नथी. कुल झे.पृष्ठ-११८, डीवीडी-६१/६३ 501
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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