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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ८९१५, पृ. ३, पुरूष-स्त्री लक्षण - अपूर्ण, वि-१७मी, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४ पुलाकोद्देशसङ्ग्रहणी जुओ - पञ्चनिर्ग्रन्थसङ्ग्रहणीप्रकरण, आचार्य-अभयदेवसूरि, प्राकृत, ग्रं.१३० पुलिन्द्रखण्ड जुओ - कादम्बरी-(सं.)कादम्बरीशेष, कवि-पुलिन्द्र भट्ट, संस्कृत पुव्वाभिमुहो उत्तरमुहोगाथा-पार्श्वनाथचरित्रादुद्धृत (पार्श्वनाथचरित्रादुद्धृत-पुव्वाभिमुहो उत्तरमुहोगाथा) प्रा., पद्य, गा.२६, आदि वाक्यः पुव्वाभिमुहो उत्तरमुहोव होऊण... पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. २५, पृ. १६३A-१६३०, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. प्रारंभ के पत्र नहीं है. झेरोक्ष पत्र-१०३-१०४., झेरोक्ष पत्र-६८-६९. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित. कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध* (सुविधिनाथजिनस्तवन) सं., पद्य, श्लोक२८, पाकाहेम ८२३०, पृ. १, पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध सावचूरि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम ८२३०, पृ. १, पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध सावचूरि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम ८२३०, पृ. १, पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध सावचूरि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ पुष्पमालाप्रकरण (उपदेशमालाप्रकरण), (कुसुममाला) आचार्य-हेमचन्द्रसूरि मलधारी, प्रा., पद्य, गा.५०५, आदि वाक्यः सिद्धमकम्ममविग्गहमकलङ्कमसङ्गमक्खयं धीरं।... पाताखेत १०, पृ. २४३, उपदेशमाला सह स्वोपज्ञ वृत्ति (भाग-१/?), प्रतिअपूर्ण प्रत विशेष- भावनायां ब्रह्मचर्ये श्रीस्थूलभद्रकथा गाथा-१८ थी गुरुकुलवासविषय गाथा ३२७ सुधी उपलब्ध छे. अन्तभाग अपूर्ण. ५७मुं पार्नु घटे छे. , झेरोक्ष पत्र १०२ न होवानु नोध १०३ पत्र उपर मळे छे. मूलपत्र २०९०-२१३A भागनुं झेरोक्ष नथी. कुल झे.पृष्ठ-११८, डीवीडी-६१/६३ पाताखेत २-२- पे.क्र. १, पृ. १-५०, उपदेशमाला, भवभावना, कर्मविपाकअपूर्ण, संपूर्ण डीवीडी-६१/६३ पातासंघवीजीर्ण ४९- पे.क्र. १४, पृ. १४५-१८६, उपदेशमाला आदि, त्रुटक डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ९७- पे.क्र.३, पृ. ?, उत्तराध्ययनसूत्र सह सुखबोधा टीका आदि अनेक ग्रन्थनां परचुरण त्रुटक पानां, संपूर्ण पे. नाम- उपदेशमाला सह टीका, पे. विशेष- पत्र अस्त-व्यस्त है. डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १०८ - पे.क्र.२, पृ. ४९-१०२, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण डीवीडी-३३/५२ पातासंघवी १६४- पे.क्र.२, पृ. ६०-१२०, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण डीवीडी-३६/५३ पातासंघवी १६५- पे.क्र.२, पृ. ५७-११४, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण पे. नाम- उपदेशमाला, पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-२३-४६. 499
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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