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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-५६, डीवीडी-९३/९५ पिण्डनियुक्ति-(सं.)लघुवृत्ति सं., गद्य, ग्रं.२९५०, तालाद ३१७, पृ. ५६, पिण्डनियुक्तिचूर्णि-लघुवृत्ति, वि-१५मी, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-५६, डीवीडी-९३/९५ पिण्डनियुक्ति-(सं.)बृहद्वृत्ति (पिण्डनियुक्ति-(सं.)वृत्ति) आचार्य-मलयगिरिसूरि, सं., गद्य, ग्रं.७२५०, कृ.विः ग्रन्थाग्र ७००० थी ७५०० सुधी मळे छे. पातासंघवी १६-१, पृ. १८७, पिण्डनियुक्तिवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-७०००. सारी. डीवीडी-२२/४० पाकाहेम ६५६०, पृ. १२६, पिण्डनियुक्ति वृत्तिसहित, वि-१४८२, संपूर्ण प्रत विशेष- वृत्तिग्रन्थाग्र-७०००. पत्र २७-२८ अने ७१-७२ भेगां तेमज १८मुं डबल छे. __कुल झे.पृष्ठ-१२५ पाकाहेम १००७७, पृ. ११०, पिण्डनियुक्ति सटीक, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रथम पत्रमा क्र. ९९९०ना टिप्पण जेवू चित्र छे. कुल झे.पृष्ठ-११० पाकाहेम १४८६०, पृ. १२९, पिण्डनियुक्ति सटीक, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- टीका ग्रन्थाग्र-७०००. कुल झे.पृष्ठ-१३२ पिण्डनियुक्ति-(सं.)शिष्यहिता टीका (शिष्यहिता टीका) आचार्य-हरिभद्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.७६७१, आदि वाक्यः नम्रामरेश्वरकिरीटनिविष्ट... कृ.विः हरिभद्रसूरि प्रारब्धा. भांता ७४, पृ. २२६, पिण्डनियुक्ति सह शिष्यहिता वृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-१११५., विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. डीवीडी-७३/८२ पाकाहेम ६५४४, पृ. ११३, पिण्डनियुक्ति शिष्यहिताटीकासहित, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-११४ पिण्डनियुक्ति-(सं.)अवचूरि मुनि-क्षमारत्न[विधिपक्ष], गुरु-आचार्य-जयकीर्तिसूरि[विधिपक्ष], सं., गद्य, आदि वाक्यः श्रीपिण्डनियुक्तिरवचूरिलिख्यते पूर्वमधिकारसूत्रं गाथा पिण्डे... भांका २७७, पृ. ८५, पिण्डनियुक्तिअवचूरि, वि-१९३१, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-१११७., २४, ७४ पाना डबल छे. डीवीडी-९० पिण्डनियुक्ति-(सं.)विषमगाथाविवरण (विषमगाथाविवरण), (कतिचिद्गाथावृत्ति) सं., गद्य, पाकाहेम ७१११- पे.क्र. २०, पृ. ५०-५५, सर्वसिद्धान्तविषमपदपर्याय, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- पिण्डनियुक्ति तथा पिण्डनियुक्तिगत विषमगाथा विवरण कुल झे.पृष्ठ-८४ पिण्डनियुक्ति-(सं.)विवेचन आचार्य-माणिक्यशेखरसूरि[अञ्चलगच्छ], सं., गद्य, आदि वाक्यः श्रीआचाराङ्गे द्वितीयश्रुतस्कन्धे आद्यं दशवैकालिके... भांका २२६, पृ. १०२, पिण्डनियुक्ति सह विवेचन, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-१११६. , पलु पत्र डबल छे. 488
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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