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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-२ पार्श्वनाथस्तवन यमकालङ्कारमय-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम २००५, पृ. १, पार्श्वनाथस्तवन सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ पार्श्वनाथस्तवन-नवखण्डा जुओ - नवखण्डापार्श्वनाथस्तवन, अज्ञात-हेमविमलसूरिशिष्य, संस्कृत, का.२६ पार्श्वनाथस्तुति जुओ - गोडीपार्श्वनाथस्तुति, संस्कृत, का.९ पार्श्वनाथस्तुति उपाध्याय-कल्याणविजय, मारुगूर्जर, पद्य, का.१, आदि वाक्यः मनवाञ्छितपूरणकल्पतरू... पाकाहेम १२३६१- पे.क्र.६, पृ. १, महावीरस्तुति आदि, वि-१७मी, संपूर्ण पार्श्वनाथस्तुति प्रा., पद्य, गा.४, आदि वाक्यः निहतभवनिवासं... पाकाहेम १२३६७- पे.क्र. ८, पृ. १, पार्श्वनाथशर्मस्तव आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पार्श्वनाथस्तुति सं., पद्य, का.४, आदि वाक्यः निष्ठुरकमठमहासुर... पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. ५, पृ. ?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र ९३ पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित. कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० पाकाहेम १२३६७- पे.क्र. ९, पृ. १, पार्श्वनाथशर्मस्तव आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पार्श्वनाथस्तुति सं., पद्य, का.१, आदि वाक्यः वासवस्तुतपदो... पाकाहेम १२३६८ - पे.क्र. ५, पृ. १, नेमिःपञ्चरूपस्तुतिपादपूर्तिरूप नेमिनाथस्तुति आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पार्श्वनाथस्तुति आचार्य-चक्रेश्वरसूरि, गुरु-आचार्य-धर्मघोषसूरि, सं., पद्य, श्लोक११, आदि वाक्यः श्रीनागराजफणिरत्नरूचि... पातासंघवी १७२-३- पे.क्र.८, पृ. ५००-५६A, अपभ्रंशस्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- अस्तव्यस्त-त्रुटक., कर्ता-चक्रेश्वरसूरि आदि. कुल झे.पृष्ठ-३०, डीवीडी-३६/५४ पार्श्वनाथस्तुति चिन्तामणि जुओ - चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तुति, मारुगूर्जर, गा.९ पार्श्वनाथस्तुति जिराउला जुओ - जीराउलापार्श्वनाथस्तुति, संस्कृत, श्लोक१३ पार्श्वनाथस्तुति जीरापल्ली जुओ - जीरापल्लीपार्श्वजिनस्तुति, आचार्य-महेन्द्रसिंहसूरि, संस्कृत, का.४५ पार्श्वनाथस्तुति दण्डकछन्दोमयी# (दण्डकछन्दोमयी पार्श्वजिनस्तुति) सं., पद्य, का.४, आदि वाक्यः चिदानन्दकल्याणवल्लीवसन्तं... पाकाहेम १२३६९- पे.क्र. १, पृ. १, दण्डकछन्दोमयी पार्श्वजिनस्तुति तथा साधारणजिनस्तुति, वि-१६मी, संपूर्ण पार्श्वनाथस्तुति नवग्रहस्तुतिगर्भित जुओ - नवग्रहस्तुतिगर्भितपार्श्वनाथस्तुति, आचार्य-जिनप्रभसूरि, प्राकृत, गा.१० पार्श्वनाथस्तुति मथुरावतार (मथुरावतार पार्श्वनाथस्तुति) मारुगूर्जर, पद्य, गा.१६, आदि वाक्यः महुरं कयअवयारसारु... पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ३८, पृ. २२५-२२६, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३१ पार्श्वनाथस्तुति स्तम्भनक जुओ - स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तुति, मारुगूर्जर, गा.१३ पार्श्वनाथस्तुति हर्षपुरीय (हर्षपुरीय पार्श्वनाथस्तुति) सं., पद्य, का.४, पाकाहेम १२१९५- पे.क्र. २, पृ. १, चतुर्विंशतिजिनस्तुतयः तथा पार्श्वनाथस्तुति, वि-१७मी, संपूर्ण 482
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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