SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 481
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवी १३६-१, पृ. १६२, परिशिष्ट पर्व, संपूर्ण डीवीडी-३४/५३ पाताहेसं १२५, पृ. ३२४, त्रिषष्टिशलाकापुरूषचचरित्र परिशिष्ट पर्व, संपूर्ण डीवीडी-८/१७ पाकाहेम ८९३, पृ. १२१, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र महाकाव्य परिशिष्टपर्व, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३४९२. पाणीमां भींजायेली छे. पत्र १२२मुं डबल. कुल झे.पृष्ठ-१२३ पाकाहेम २३५७- पे.क्र.२, पृ. ?-८४७, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रमहाकाव्यपरिशिष्टपर्वसहित, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३४०००. कुल झे.पृष्ठ-४५२ पाकाहेम २३७०, पृ. ९६, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र परिशिष्टपर्व, वि-१६६०, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३४९५. कुल झे.पृष्ठ-९६ पाकाहेम ८०१८, पृ. ७२, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र परिशिष्टपर्व, वि-१४९ , संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति शुद्ध छे. कुल झे.पृष्ठ-७३ पाकाभाभा ३९, पृ. ९३, परिशिष्टपर्व - सर्ग १-१३, वि-१४९२, संपूर्ण प्रत विशेष- *आ ग्रंथना कुल पेज ९३ छे परंतु आ ग्रंथनी फूटनोटमा पत्र २२०, २२१ भेगां छे ते प्रमाणेनी ___ माहिती मळे छे. तेथी आ माहिती चेक करशो. भांका १७२, पृ. ५१, परिशिष्टपर्व, वि-१४७६, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३४६०. सुन्दर लिपि. कुल झे.पृष्ठ-३३, डीवीडी-८६ परिशिष्टप्रकरण आचार्य-उदयनाचार्य, सं., गद्य, तालाद ३८६, पृ. ९३, परिशिष्टप्रकरण सह टिप्पनक, वि-१४मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३८, डीवीडी-९४/९६ परिशिष्टप्रकरण-(सं.)टिप्पनक जैनेतर-वामध्वज, सं., गद्य, आदि वाक्यः तमीशानं वन्दे नमिनमथ वन्देऽक्षचरणं... तालाद ३८६, पृ. ९३, परिशिष्टप्रकरण सह टिप्पनक, वि-१४मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३८, डीवीडी-९४/९६ परिशिष्टप्रकरण-(सं.)टिप्पनक जैनेतर-वामध्वज, सं., गद्य, आदि वाक्यः तमीशानं वन्दे नमिनमथ वन्देऽक्षचरणं... तालाद ३८६, पृ. ९३, परिशिष्टप्रकरण सह टिप्पनक, वि-१४मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३८, डीवीडी-९४/९६ परीक्षामुखसूत्र-(सं.)प्रमेयकमलमार्तण्ड टीका (परीक्षामुखालङ्कार) आचार्य-प्रभाचन्द्रसूरि (दिगम्बर), सं., गद्यअध्याय६, आदि वाक्यः सिद्धेर्धाम महारिमोह हननं... कृ.विः परिमाण-परिच्छेद-६. दिगंबर न्याय. भांता ५३, पृ. २००, प्रमेयकमलमार्तण्ड ?, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.-२-६६. प्राचीन कानडी लिपी. डीवीडी-७२/८१ तालाद ३१४, पृ. २५६, प्रमेयकमलमार्तण्ड परिच्छेद १ थी ६, वि-१४९२, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ९२ नंबरनुं पार्नु नथी. कुल झे.पृष्ठ-२५२, डीवीडी-९३/९५ परीक्षामुखालङ्कार जुओ - परीक्षामुखसूत्र-(सं.)प्रमेयकमलमार्तण्ड टीका, आचार्य-प्रभाचन्द्रसूरि (दिगम्बर), संस्कृत 464
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy