SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 48
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५०A-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ अर्हन्नामसहस्रसमुच्चय सं., पद्य, श्लोक१११, पाकाहेम ८२२०- पे.क्र. १, पृ. १-३, अर्हन्नामसहस्रसमुच्चय आदि, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४ पाकाहेम १२२७१- पे.क्र. १, पृ.?, अर्हन्नामसहस्रसमुच्चय आदि, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-६ अलङ्कार ग्रन्थ अज्ञात जुओ - अज्ञात अलङ्कार ग्रन्थ, संस्कृत अलङ्कारचूडामणि टीका जुओ - काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)अलङ्कारतिलक टीका, कवि-वाग्भट (दिगम्बर), संस्कृत अलङ्कारतिलक टीका जुओ - काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)अलङ्कारतिलक टीका, कवि-वाग्भट (दिगम्बर), संस्कृत अलङ्कारमण्डन कवि-मण्डन, सं., पाकाहेम ९४९१, पृ. ९, अलङ्कारमण्डन, वि-१५०४, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ अलङ्कारविवरण सं., गद्य, पातासंघवीजीर्ण ८८- पे.क्र. १८, पृ.?, उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक पे. विशेष- त्रुटक. झेरोक्ष पत्र-८७-९०. झेरोक्ष पत्र ८७ नं. एक पत्र अतिरिक्त है. कोई अलंकार ग्रन्थ है पर स्पष्ट रूप से कौन सा ग्रन्थ है वह पता नहीं. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे. __कुल झे.पृष्ठ-९०, डीवीडी-५८/६० अलवरपुरमण्डन रावणपार्श्वनाथाष्टक जुओ - रावणपार्श्वनाथाष्टक अलवरपुरमण्डन#, आचार्य-कल्याणसागरसूरि, संस्कृत, का.९ अलीकविषये ऋषिदत्ताकथा जुओ - ऋषिदत्ताकथा अलिकविषये, संस्कृत, श्लोक४५१ अल्पबहुत्व-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम १५८०९- पे.क्र.६, पृ. ६-७, सिद्धदण्डिकाविचारआदि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१३ अवन्तिकुमार सन्धि अप., पद्य, पातासंघवीजीर्ण ७४- पे.क्र. १, पृ. १६-२४, अवन्तीसुकुमारसन्धि आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- २०मुं पार्नु नथी. डीवीडी-५८/६० पातासंघवी ५५-३- पे.क्र. ४, पृ. १०१-१२१, आराधना कुलक आदि, संपूर्ण डीवीडी-२९/४७ अवन्तिसुकुमालना ढाळियां मुनि-जिनहर्ष, मारुगूर्जर, पद्य, रचना सं. विक्रम १७४१, गा.१०५, पाकाहेम १०१३३- पे.क्र. २, पृ. ?, गौतमपृच्छास्तवन आदि, वि-१९मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१२ पाकाहेम १०२३३- पे.क्र. १, पृ. १-८, अवन्तिसुकुमाल स्वाध्याय, वि-१९मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-७ पाकाहेम १०२३४, पृ.८, अवन्तिसुकुमालनां ढालिया, वि-१८१२, संपूर्ण 31
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy