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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- चाणस्मा भंडार की प्रति. मूल पत्रांक-६ तथा झेरोक्ष पत्रांक-१२ नहीं है. कुल झे.पृष्ठ-१२, डीवीडी-१०३/१०४ पट्टावली तपागच्छीय (गुरु परिपाटी) आचार्य-मुनिसुन्दरसूरि[तपागच्छ], प्रा., पद्य, आदि वाक्यः सिरिमन्तो सुहहेउ गुरुपरिपाडीइ... अताका ५०३, पृ. १९, पट्टावली तपागच्छीय सह टीका, संपूर्ण प्रत विशेष- इसी प्रत की दो नकल है जिसे झेरोक्ष पत्रांक क्रमशः दिया गया है. आचार्य हीरसूरि की आज्ञा से १६४८ में वाचक कल्याणविजयजी द्वारा संशोधित प्रति., चाणस्मा भंडार की प्रति. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-१०३/१०४ पट्टावली तपागच्छीय-(सं.)टीका उपाध्याय-धर्मसागर, सं., पद्य, आदि वाक्यः अथ गुरुपरिपाटी कथनाय सगतिमाह... अताका ५०३, पृ. १९, पट्टावली तपागच्छीय सह टीका, संपूर्ण प्रत विशेष- इसी प्रत की दो नकल है जिसे झेरोक्ष पत्रांक क्रमशः दिया गया है. आचार्य हीरसूरि की आज्ञा से १६४८ में वाचक कल्याणविजयजी द्वारा संशोधित प्रति., चाणस्मा भंडार की प्रति. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-१०३/१०४ पट्टावली तपागच्छीय-(सं.)टीका उपाध्याय-धर्मसागर, सं., पद्य, आदि वाक्यः अथ गुरुपरिपाटी कथनाय सगतिमाह... अताका ५०३, पृ. १९, पट्टावली तपागच्छीय सह टीका, संपूर्ण प्रत विशेष- इसी प्रत की दो नकल है जिसे झेरोक्ष पत्रांक क्रमशः दिया गया है. आचार्य हीरसूरि की आज्ञा से १६४८ में वाचक कल्याणविजयजी द्वारा संशोधित प्रति., चाणस्मा भंडार की प्रति. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-१०३/१०४ पडिलेहणाकुलक (प्रतिलेखनाकुलक) आचार्य-जिनवर्धनसूरि, प्रा., पद्य, गा.३६, आदि वाक्यः भयवं दसनभद्दो... पाकाहेम ७७५- पे.क्र. २३, पृ. ३८, दशवैकालिक आदि सूत्रप्रकरण चरित्र स्तोत्र सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली छे, पत्र-५८,५९ भेगा छे. कुल झे.पृष्ठ-९० पडिलेहणाकुलक (प्रतिलेखनाविचारकुलक) गणि-विजयविमल गणि, प्रा., पद्य, गा.३४, पाकाहेम ४६२७, पृ. ८, पडिलेहणाकुलक सस्तबक, वि-२०मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ पाकाहेम ४७४०- पे.क्र. २, पृ. २-३, साधर्मिककुलक आदि, वि-२०मी, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-३२. कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम १५७२३, पृ. ३, पडिलेहणाकुलक सस्तबक, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४ पडिलेहणाकुलक-(मा.गु.)स्तबक गणि-वानर्षि, मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम ४६२७, पृ. ८, पडिलेहणाकुलक सस्तबक, वि-२०मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ पाकाहेम १५७२३, पृ. ३, पडिलेहणाकुलक सस्तबक, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४ पडिलेहणाकुलक-(मा.गु.)स्तबक गणि-वानर्षि, मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम ४६२७, पृ.८, पडिलेहणाकुलक सस्तबक, वि-२०मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ 457
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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