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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती भांता २१- पे.क्र. १, पृ. १-३३४, निशीथसूत्र चूर्णि सह विंशोद्देशक व्याख्या उद्देशक-११-२०-द्वितीयखण्ड, वि १२९४, प्रतिअपूर्ण पे. नाम- निशीथसूत्र की विशेषचूर्णि प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.१-४५१, १-४४७., १५२ खूटे छे, २५२ डबल छे. डीवीडी-६८/७७ भांता २२- पे.क्र. १, पृ. १-३३४, निशीथसूत्र भाष्य, विशेषचूर्णि-उद्देशक-१४-२०, वि-११४६, प्रतिपूर्ण पे. नाम- निशीथसूत्रनी (प्रा.)चूर्णि प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.१-४४१, १-४४८. डीवीडी-६८/७७ पाकाहेम ७३०, पृ. २३४, निशीथसूत्रचूर्णि खण्ड-१, वि-१५३९, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२३४ पाकाहेम ७३१- पे.क्र. १, पृ. १-२७७, निशीथसूत्रचूर्णि खण्ड-२, वि-१५४५, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३०१ पाकाहेम ६५४१- पे.क्र. १, पृ. १-४५६, निशीथसूत्र चूर्णि, वि-१४८५, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३२-३३ भेगां अने ६४मुं ७४मुं तेमज ७८मुं डबल छे. कुल झे.पृष्ठ-४७४ पाकाहेम १००५३- पे.क्र. १, पृ. १-३७९, निशीथसूत्र विशेषचूर्णि आदि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३०५ पाकाहेम १०३२२- पे.क्र. १, पृ. १-१२३, निशीथसूत्र चूर्णि द्वितीयखण्ड, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१३५ पाकाहेम १०३४२, पृ. १८, निशीथचूर्णि द्वितीयखण्ड अपूर्ण, वि-१६मी, प्रतिअपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१९ पाकाहेम १४८५३, पृ. ४५१, निशीथसूत्रचूर्णि, वि-१५६३, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र १७३ थी १९१ सुधीना पत्रांको लेखकना प्रमादथी छुटी गया छे. पण सम्बन्ध तूटतो नथी. निशीथसूत्र-(प्रा.)विशेषचूर्णीनी (सं.)विंशोद्देशकव्याख्या (विंशोद्देशकव्याख्या), (विशेषचूर्णिव्याख्या) आचार्य-श्रीचन्द्रसूरि, गुरु-आचार्य-धनेश्वरसूरि, सं., पद्य, रचना सं. विक्रम ११७४, श्लोक११००, आदि वाक्यः प्रणम्य वीरं सुरवन्दितक्रमं विशुद्धशुद्धयाऽखिलनष्टकल्मषम्... भांता २१- पे.क्र.२, पृ. ३३५-३५३, निशीथसूत्र चूर्णि सह विंशोद्देशक व्याख्या उद्देशक-११-२०-द्वितीयखण्ड, वि १२९४, प्रतिअपूर्ण पे. नाम- निशीथसूत्रनी विशेषचूर्णीनी विंशोद्देशक व्याख्या प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.१-४५१, १-४४७., १५२ खूटे छे, २५२ डबल छे. डीवीडी-६८/७७ पाकाहेम ७३१- पे.क्र. २, पृ. २७७-३००, निशीथसूत्रचूर्णि खण्ड-२, वि-१५४५, प्रतिपूर्ण पे. विशेष- सचित्र. कुल झे.पृष्ठ-३०१ पाकाहेम ६५४१- पे.क्र. २, पृ. ४५६-४७२, निशीथसूत्र चूर्णि, वि-१४८५, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३२-३३ भेगां अने ६४मुं ७४मुं तेमज ७८मुं डबल छे. कुल झे.पृष्ठ-४७४ पाकाहेम १००५३- पे.क्र. २, पृ. ३७९-३९४, निशीथसूत्र विशेषचूर्णि आदि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३०५ पाकाहेम १०३२२- पे.क्र. २, पृ. १२३-१३५, निशीथसूत्र चूर्णि द्वितीयखण्ड, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१३५ निशीथसूत्र-(प्रा.)विशेषचूर्णीनी (सं.)विंशोद्देशकव्याख्या (विंशोद्देशकव्याख्या), (विशेषचूर्णिव्याख्या) 426
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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