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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- शुद्ध प्रति. कुल झे.पृष्ठ-११०, डीवीडी-६१/६३ पाताखेत १२- पे.क्र. ३०, पृ. २७९-२८३, गृहस्थकुलकादि ३४ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- ११५ मुं पार्नु घटे छे. डीवीडी-६१/६३ पाताखेत २३- पे.क्र. ६, पृ. २५८-२६२, अनेकार्थसङ्ग्रह आदि २५ ग्रन्थो, संपूर्ण डीवीडी-६१/६३ पातासंघवीजीर्ण ४६- पे.क्र. १५, पृ.२, सङ्ग्रहणी आदि, वि-१२८६, अपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. गाथा-२६ तक है. झेरोक्ष पत्र-७-८. प्रत विशेष- पेटांकों का क्रम अव्यवस्थित है. दो प्रतों के पत्र इसमें सम्मिलित है. संवत् १३०९ पालनपुर में संघ के समक्ष आचार्य पद्मदेवसूरि द्वारा साध्वी नलिनप्रभा को पढने हेतु यह प्रत दी गयी. प्रतिलेखन वर्ष मात्र ८६ वर्षे इस तरह लिखा हुआ है. अत:११८६ अथवा १२८६ प्रतिलेखन वर्ष होना संभव है. पेटांक में उल्लिखित पत्रवाले कोष्ठक के पत्रांक ताडपत्रीय है. कुल झे.पृष्ठ-८०, डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ४९- पे.क्र.५, पृ. ७७-८१, उपदेशमाला आदि, त्रुटक पे. विशेष- गाथा संख्या नथी आपेली. डीवीडी-५७/६० पातासंघवी १०४-२- पे.क्र. ५, पृ. १३२-१३५, प्रवचनसन्दोह आदि, संपूर्ण डीवीडी-३३/५१ पातासंघवी १९०-२- पे.क्र. १८, पृ. २२८-२३३, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण डीवीडी-३७/५४ पाताहेसं ११४- पे.क्र. १०, पृ. १३३-१३७, उपदेशमालाप्रकरण आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-४५. कुल झे.पृष्ठ-७८, डीवीडी-७/१७ पाताहेसं ११९- पे.क्र. १०, पृ. १५३-१५६, पुष्पमालाप्रकरण आदि उपदेशमालाप्रकरण , संपूर्ण प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र-१०१ से १२४ व ताडपत्रीय पत्र-८७-१४१ किसी अन्य प्रत के पन्ने हैं. कुल झे.पृष्ठ-१२४, डीवीडी-७/१७ । भांता २४- पे.क्र. ३, पृ. ६७A-७०A, उपदेशमालाप्रकरण आदि, पूर्ण पे. नाम- स्थविरावली, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-६२६. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.२-२३३. डीवीडी-६८/७७ तालाद ३२६- पे.क्र. १४, पृ. १२३/२-१२६, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण __कुल झे.पृष्ठ-१०६, डीवीडी-९४/९६ पाकाहेम ७७५- पे.क्र.७, पृ. २४-२५, दशवैकालिक आदि सूत्रप्रकरण चरित्र स्तोत्र सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली छे, पत्र-५८.५९ भेगा छे. कुल झे.पृष्ठ-९० पाकाहेम १०२२- पे.क्र. १३, पृ. ३२-३३, प्रकरण, स्तुति, स्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-२७. प्रत विशेष- पत्र ६८ थी ७० नथी. इसी भंडार के प्रत नं.१०१२ को भूल से नं.१०२२ लिखा गया था. असल ___ में १०२२ नं.की झेरोक्ष प्रति नहीं है परन्तु कम्प्यूटर में प्रविष्ट की गयी कृति माहिती सही है. पाकाहेम १०२२- पे.क्र. १४, पृ. ३३-३४, प्रकरण, स्तुति, स्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ६८ थी ७० नथी. इसी भंडार के प्रत नं.१०१२ को भूल से नं.१०२२ लिखा गया था. असल ___ में १०२२ नं.की झेरोक्ष प्रति नहीं है परन्तु कम्प्यूटर में प्रविष्ट की गयी कृति माहिती सही है. पाकाहेम १०२३- पे.क्र. १५, पृ. २४-२६, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण 398
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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