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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती सं., पद्य, गा.१३, पातासंघवी २०६-२- पे.क्र. ४९, पृ. १३८मुं, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण डीवीडी-३८/५५ नन्दीश्वर-पुण्डरीक-गौतम-सर्वसिद्ध-सिद्धचक्र-सीमन्धरजिनस्तुति# सं., पद्य, श्लोक९, आदि वाक्यः जयर्षभ विभो वध... पाकाहेम १२३६३- पे.क्र.१, पृ. १, नन्दीश्वर-पुण्डरीक-गौतम-सर्वसिद्धसिद्धचक्र-सीमन्धरजिनस्तुति आदि, वि १६मी, संपूर्ण नन्दीश्वर-पुण्डरीक-गौतम-सर्वसिद्ध-सिद्धचक्र-सीमन्धरजिनस्तुति# सं., पद्य, का.८, आदि वाक्यः सुकरसुकरमो मां.. पाकाहेम १२३६३- पे.क्र.२, पृ. १, नन्दीश्वर-पुण्डरीक-गौतम-सर्वसिद्धसिद्धचक्र-सीमन्धरजिनस्तुति आदि, वि १६मी, संपूर्ण नन्दीश्वरद्वीपजिनस्तुति प्रा., पद्य, आदि वाक्यः निज्जिय दुज्जय पञ्चबाण... तालाद ३३९- पे.क्र. ३, पृ. ६१-६२, जीवविचारप्रकरणादि, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२४, डीवीडी-९४/९६ नन्दीश्वरविचार प्रा., गद्य, आदि वाक्य: नन्दीसरवरस्स बहमज्झदेसे चउद्दिसिं चत्तारि अञ्जणगपव्वया... कृ.विः अं.वाक्य-ईसाणस्स चत्तारि सभाओ जंबुद्दीवसमाणाओ अग्गमहिसीणं पन्नत्ताओ तथा पश्चिमायामित्यादि. भांता ७०- पे.क्र. १३२, पृ. १८१B-१८३B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ नन्दीश्वरस्तवन अप., पद्य, गा.११, कृ.विः भाषा अपभ्रंश प्रधान मारूगूर्जर. पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. ५०, पृ. १५०-१५१, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-११. प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी. कुल झे.पृष्ठ-८१ नन्दीश्वरस्तवन प्रा., पद्य, गा.२५, आदि वाक्यः वन्दिय नन्दियलोयं... पाकाहेम ७७५- पे.क्र. १८, पृ. ३५, दशवैकालिक आदि सूत्रप्रकरण चरित्र स्तोत्र सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली छे, पत्र-५८,५९ भेगा छे. कुल झे.पृष्ठ-९० नन्दीश्वरस्तुति सं., पद्य, का.४, पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. २१, पृ. ८७मुं, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी. कुल झे.पृष्ठ-८१ नन्दीश्वरस्तोत्र गणि-जिनवल्लभ, प्रा., पद्य, गा.२५, आदि वाक्यः वन्दियनन्दियलोयं पाकाहेम १०२३- पे.क्र.५४, पृ. १२०-१२१, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण 395
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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