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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती धर्मार्थकुलक जुओ जीवोपदेशपञ्चाशिका, आचार्य मुनिचन्द्रसूरि प्राकृत, गा. ५० धर्मास्तित्वस्थापनवादस्थल सं... - पाकाहेम ८७९६- पे क्र. १ पृ. १-३ धर्मास्तित्वस्थापनवादस्थल आदि वि-१७०३, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-६ धर्मोत्तरटिप्पनक जुओं न्यायबिन्दुनी - (सं.) टीकार्नु -(सं.) धर्मोत्तर टिप्पनक, आचार्य मल्लवादी क्षमाश्रमण संस्कृत ग्रं. १३०० धर्मोत्तरसूत्र जुओं न्यायबिन्दु आचार्य धर्मकीर्ति (बौद्ध), संस्कृत धर्मोपदेश धर्मोपदेश - अप, पद्य, श्लोक७, पातासंघवी ५६-२- पे. क्र. ५. पृ. ? उपदेशमाला आदि वि-१३वी संपूर्ण धर्मोपदेश , पे. विशेष- यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. प्रत विशेष पत्रांक अव्यवस्थित स्थिति में तथा उलटे क्रम में झेरोक्ष किया गया है. कुल झे. पृष्ठ- २२, डीवीडी - २९/४८ सं., प्रा., पद्य, आदि वाक्यः धम्मो मङ्गलमुक्किं० इह जगति सर्वकार्यप्रसाधकं ... कृ.वि: विविध संग्रह. भांका १४७, पृ. २५, धर्मोपदेश, संपूर्ण प्रत विशेष सूचीपत्रक्रम-१-७२५. प्रारंभ में दो काव्य मन्त्र दिया गया है. प्रतिलेखक- पं. मनसुख कुल झे. पृष्ठ- १६, डीवीडी-८५ अप, पद्य, गा. ५५, पातासंघवीजीर्ण ८१ पे.क्र. ४. पृ. ८१-८५ उपदेशमाला आदि, त्रुटक प्रत विशेष- नकामी. डीवीडी-५८/६० धर्मोपदेशकुलक ( उवएसकुलक) आचार्य - मुनिचन्द्रसूरि, प्रा., पद्य, का. १०, आदि वाक्य : (१) लद्धुत्तममाणुसत्तणमिणं कत्तो वि पुन्नोदया...(२) लद्धूणुत्तम माणुसत्तणमिणं.... पातासंघवी ५९-२- पे. क्र. १२ पृ. ५०-५३ मोक्षोपदेशपञ्चाशत् आदि संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ २८, डीवीडी - २९/४८ पाकाहेम १११५३- पे.क्र. १२, पृ. १०मु, मुनिचन्द्रसूरि-चक्रेश्वरसूरि-रत्नसिंहसूरिकृत प्रकरणसङ्ग्रह, वि-१९७९, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-३५ , धर्मोपदेशकुलक आचार्य मुनिचन्द्रसूरि प्रा. पद्य गा.२५, आदि वाक्यः भुवणजणवन्दणिज्जं ... धम्मोवएसले ..... पातासंघवी ५९-२- पे.क्र. ८ पृ. ३३-३६, मोक्षोपदेशपञ्चाशत् आदि संपूर्ण " पे. नाम धर्मोपदेशलेश कुल झे. पृष्ठ २८, डीवीडी - २९/४८ पाकाहेम १११५३- पे.क्र. ८, पृ. ७मुं मुनिचन्द्रसूरि-चक्रेश्वरसूरि - रत्नसिंहसूरिकृत प्रकरणसङ्ग्रह, वि-१९७९, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-३५ धर्मोपदेशकुलक (वैराग्यकुलक), (भावनाकुलक). (आत्मबोधकुलक), (उपदेशकुलक), (आत्मसम्बोधकुलक) आचार्य- देवेन्द्रसूरि, प्रा., पद्य, गा. २२, आदि वाक्यः जम्मजरामरणजले नाणाविहवाहिजलयराइन्ने । भवसायरे अपारे दुलहं खलु माणुस जम्मं 11911... पाताखेत २३- पे.क्र. १६, पृ. ३३४-३३५, अनेकार्थसङ्ग्रह आदि २५ ग्रन्थो, संपूर्ण 385
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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