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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ९०२- पे.क्र. १९, पृ. १९६-२०२, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१३२. ___ कुल झे.पृष्ठ-३१ द्वादशव्रतातिचार जुओ - सम्यक्त्वद्वादशव्रतातिचार, संस्कृत द्वादशाङ्गीपदप्रमाणकुलक आचार्य-जिनभद्रसूरि, गुरु-आचार्य-शालिभद्रसूरि, प्रा., पद्य, गा.२१, आदि वाक्यः नमिऊण जिणगाणं... पाकाहेम १२३६५- पे.क्र. १, पृ. ७, द्वादशाङ्गीपदप्रमाणकुलक आदि, वि-१८मी, संपूर्ण द्वादशानुप्रेक्षा सं., गद्य, आदि वाक्यः मदमदनकषाया... कृ.विः दिगम्बर कृति. भांका २९३- पे.क्र.८, पृ. ३८B-४६A, अर्हत्मण्डपप्रतिष्ठादि सङ्ग्रह, वि-१४६१, संपूर्ण प्रत विशेष- अधिकतम कृतियां दिगम्बर विद्वान रचित है. __ कुल झे.पृष्ठ-२२, डीवीडी-९१ द्वादशार नयचक्र-(सं.)न्यायागमानुसारिणी टीका (न्यायागमानुसारिणी टीका) आचार्य-सिंहसूरि क्षमाश्रमण, सं., गद्य, ग्रं.१८०००, आदि वाक्यः जयति नयचक्रनिर्जित निःशेष विपक्षचक्र वृत्तान्तः... पाकाहेम १६१६०, पृ. ४७५, द्वादशार नयचक्र की न्यायागमानुसारिणी टीका, वि-१७१४, संपूर्ण प्रत विशेष- अन्त के कुछ पत्र नहीं है. कुल झे.पृष्ठ-३१६ द्वादशार्थविचार प्रा., पद्य, गा.१४, आदि वाक्यः लयसद्दा दिणमणिणो धाइसण्डं च जे विभूसन्ति... पाताखेत ६- पे.क्र. ४३, पृ. २२८-२३०, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- शुद्ध प्रति. कुल झे.पृष्ठ-११०, डीवीडी-६१/६३ द्वाविंशति परिसह जुओ - २२ परीसह नाम, प्राकृत, गा.२ द्विचत्वारिंशद्दोषविवरण सं., गद्य, आदि वाक्यः द्विशतेसप्तत्यधिके कोटीनां स्युः... भांता ७०- पे.क्र. १०८, पृ. १४५A-१४८A, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१४४९. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ द्विजवदनचपेटा-वेदाङ्कुश (वेदाङ्कुश) आचार्य-हरिभद्रसूरि, सं.. पाकाहेम ७९४६, पृ. २, द्विजवदनचपेटा-वेदाकुश, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३ द्वितीयकालग्रहणविधि (बीयकालग्गहणविहि), (कालग्रहणविधि) मुनि-शीलचन्द, प्रा., पद्य, गा.८४, आदि वाक्यः चउरासीगाहाण वाणायरियसीलचन्देण... कृ.विः पाउसि उद्धरत्ते उत्तरदिसि...पुव्वदिसा पच्छिमे कालो. भांता ७०- पे.क्र. २०, पृ. २७A-२९B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१३९७. 372
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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