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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती अताका ४९७- पे.क्र. १२, पृ. १७७B-१८५A, प्रकरणपुस्तिका, वि-१३०१, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-६७. पत्रांक १८४ पर भगवान नेमिनाथ एवं १८५ पर भगवान पार्श्वनाथ का चित्र है. प्रत विशेष- प्रतिलेखन पुष्पिका. सचित्र. कुल झे.पृष्ठ-१२७, डीवीडी-१०३/१०४ पाकाहेम ९०२- पे.क्र.६१, पृ. २४१-२४३, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३१ पाकाहेम १०२२- पे.क्र. १२, पृ. ३१-३२, प्रकरण, स्तुति, स्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-२४. प्रत विशेष- पत्र ६८ थी ७० नथी. इसी भंडार के प्रत नं.१०१२ को भूल से नं.१०२२ लिखा गया था. असल __ में १०२२ नं.की झेरोक्ष प्रति नहीं है परन्तु कम्प्यूटर में प्रविष्ट की गयी कृति माहिती सही है. पाकाहेम १०२३- पे.क्र. ५, पृ. ५-७, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१४५ पाकाहेम २७२६- पे.क्र. ४, पृ. ८-९, लघुचाणक्यादि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ पाकाहेम ९५०४- पे.क्र. ४, पृ. १-१४, सङ्ग्रहणीप्रकरण आदि, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१५ पाकाहेम ९५४६- पे.क्र.३, पृ. ५३-५७, उपदेशमालाप्रकरणादिसङ्ग्रह आदि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-५१ पाकाहेम १०७३४- पे.क्र. २, पृ. २-३, शीलोपदेशमालाप्रकरण व गौतमपृच्छाप्रकरण, वि-१६वी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४ गौतमपृच्छाकुलक जुओ - गौतमपृच्छा प्रकरण, प्राकृत, गा.५३ गौतमपृच्छास्तवन जैनकवि-ऋषभदास, मारुगूर्जर, पद्य, रचना सं. विक्रम १६७८, गा.७७, पाकाहेम १०१३३- पे.क्र. १, पृ.?, गौतमपृच्छास्तवन आदि, वि-१९मी, संपूर्ण पे. नाम- अवन्तिसुकुमाल स्तवन कुल झे.पृष्ठ-१२ गौतमभाषित (गोयमभासिय) प्रा., पद्य, गा.४०, ग्रं.५५, आदि वाक्यः नरिन्द देविन्दनमंसियस्स जिणस्स वीरस्स महामुणिस्स... पातासंघवी १५६-१- पे.क्र.७, पृ. १०४-१०९, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण डीवीडी-३६/५३ गौतमवर्णनादण्डक (गोयमवण्णणादण्डग) प्रा., गद्य, आदि वाक्यः तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अन्तेवासी इन्दभूइ... कृ.विः अं.वाक्य-अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासमाणे एवं वयासी. भांता ७०- पे.क्र. १४९, पृ. २००A-२००B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाक-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ गौतमस्तुति अनुबन्धफलगर्भित (अनुबन्धफलगर्भित गौतमस्तुति) सं., पद्य, श्लोक११, आदि वाक्यः श्रीवर्द्धमानशिष्याग्रणि... पाकाहेम १२२९६, पृ. १, अनुबन्धफलगर्भा गौतमस्तुति सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१५मी, संपूर्ण पाकाहेम १३१६४, पृ. १, अनुबन्धफलगर्भित गौतमस्तुति सटीक पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण 237
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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