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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवीजीर्ण ८६-२- पे. क्र. ६. पू. २. चैत्यवन्दनादि भाष्य आदि वि-१३६९, त्रुटक कुल डी. पृष्ठ-६० गुरुवेयणकुलक गुरुस्तुति आचार्य धनेश्वरसूरि, प्रा., पद्य, गा.१५, पातासंघवी १९०-२- पे. क्र. १२. पृ. २०५-२०६ उपदेशमाला आदि संपूर्ण डीवीडी-३७/५४ प्रा. पद्य, गा. ११, आदि वाक्य: नरसुरअसुर नर्मसिय पाए वन्दिय जिणवरिन्द गराए..... " भांता ७२- पे.क्र. ८, पृ. ६८B - ६९B, दशवैकालिकसूत्रनिर्युक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-३-४२४. प्रत विशेष सूचीपत्र नं. १-७११. गुरुस्तुति जुओ गुरुस्तुति प्रा., पद्य, गा.४, आदि वाक्यः गुरुचित्ता..... भांता ७२- पे.क्र. ३, पृ. ५५B, दशवैकालिकसूत्रनिर्युक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण गुरुस्तुतिकुलक कुल झे. पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ आवकव्रत, मुनि-देवसूरि-शिष्य, प्राकृत, गा. ५७ प्रत विशेष सूचीपत्र नं. १-७११. प्रा. पद्य, गा.२३. आदि वाक्यः गम्भीरो मदविओ.... " कुल झे. पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ पाताहेसं १६८- पे.क्र. ४५, पृ. ८९-९०आ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण पे. विशेष संपूर्ण झेरोक्ष पत्र- ४९-५०. गुरुस्तुतिचाचरि प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है. कुल झे, पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ भांता ७२- पे.क्र. ११, पृ. ७०-७१B, दशवैकालिकसूत्रनिर्युक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ पाकाहेम ९०२ - पे.क्र. ५५ पृ. २३६-२३७, ओघनिर्युक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक प्रकरण कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल हो. पृष्ठ-३१ गुरुस्थितिकुलक पे. नाम - गुरुस्तुति व यतिस्तुति, पे. विशेष - गाथा - २१. गाथांक - १७ का दो बार क्रम दिया गया है. दोनो स्तुतियों की गाथा क्रमशः है. गुरुस्तुति १९ गाथा तथा यतिस्तुति १०-२१ गाथा. प्रत विशेष सूचीपत्र नं. १-७११. अप., पद्य, गा.१५, आदि वाक्यः नन्दउ पुण्डरीउ गोयमपमुह गणहरवंसु... पाताखेत ६- पे.क्र. २६, पृ. १६५ - १६७, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. विशेष- गौर्जरी रागेण. प्रत विशेष- शुद्ध प्रति. कुल झे. पृष्ठ - ११०, डीवीडी - ६१/६३ - प्रा., पद्य, गा.२५, पाकाहेम ११०६७, पृ.१ गुरुस्थितिकुलक, वि-१७मी, संपूर्ण गुर्जरेश्वरकरणराजस्तुतिकाव्यादिकाव्य* सं., पद्य, पाकाहेम ८६८३- पे.क्र. १, पृ. १-३, गुर्जरेश्वरकरणराजस्तुतिकाव्यादि काव्य सटीक आदि, वि-१६मी, संपूर्ण 232
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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