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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवी ९९- पे.क्र. ९, पृ. २५१-२६७, सुबाहु आदि कथा सचित्र आदि, वि-१३४५, संपूर्ण प्रत विशेष- २९, ३०, ५३ पत्रमां चित्रो छे. डीवीडी-३३/५१ गउडवहो जुओ - गौडवध-(सं.)गौडवध गाथोद्धार, प्राकृत, गा.१७६ गउडवहोमहाकाव्य (गौडवध महाकाव्य) जैनेतर-वाक्पतिराज, प्रा., पद्य, गा.११६८, ग्रं.१४९०, आदि वाक्यः पढमं चिय धवलकओववीअमम्बुरुहगोअरं नमह |... पाताखेत ९-२, पृ. १६८, गउडवहो, संपूर्ण डीवीडी-६१/६३ पातासंघवी २०५-२, पृ. १४५, गौडवध महाकाव्य, वि-१२८६, संपूर्ण प्रत विशेष- आंकनी बाजुनी कोरो खरी गई छे. डीवीडी-३८/५५ पाताहेसं १३३, पृ. २२४, गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणी सहित, संपूर्ण डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १३४, पृ. २०४, गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणी सहित त्रुटक अपूर्ण, अपूर्ण डीवीडी-८/१७ गउडवहोमहाकाव्य-(सं.)टिप्पण सं., गद्य, पाताहेसं १३३, पृ. २२४, गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणी सहित, संपूर्ण डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १३४, पृ. २०४, गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणी सहित त्रुटक अपूर्ण, अपूर्ण डीवीडी-८/१७ गौडवध-(सं.)गौडवध गाथोद्धार (गौडवध गाथोद्धार), (गउडवहो) प्रा., पद्य, गा.१७६, आदि वाक्यः इह ते जयन्ति कइणो जयमिणमो जाण सयलपरिणाम... पाताहेसं १८८- पे.क्र. १, पृ. १-२३, गौडवधादि छ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र-१३-३२. प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां त्रणज ग्रन्थो छे., झेरोक्ष पत्रांक १३-३२ कुल २० पत्रो छे. कुल झे.पृष्ठ-३२, डीवीडी-१०/१९ गउडवहोमहाकाव्य-(सं.)टिप्पण सं., गद्य, पाताहेसं १३३, पृ. २२४, गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणी सहित, संपूर्ण डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १३४, पृ. २०४, गौडवधमहाकाव्यवृत्ति टीप्पणी सहित त्रुटक अपूर्ण, अपूर्ण डीवीडी-८/१७ गच्छस्वरूप प्रा., आदि वाक्यः जहिं णत्थि सारणो वारणाय पडिचोयणाय... भांता ७०- पे.क्र. ६४, पृ. ८१A-८२B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-२-३०५. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ गच्छाचार पयन्ना जुओ - गच्छाचारप्रकीर्णक, प्राकृत, गा.१३७ गच्छाचारप्रकीर्णक (गच्छाचार पयन्ना) 222
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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