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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती सं., गद्य, पाताहेसं १६७, पृ. १-३७, काव्यानुशासन सटीक किञ्चिदपूर्ण टीप्पणीसह, संपूर्ण डीवीडी-९/१८ काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)अलङ्कारतिलक टीका (अलङ्कारतिलक टीका), (अलङ्कारचूडामणि टीका) कवि-वाग्भट (दिगम्बर), सं., गद्य, आदि वाक्यः यथा च कर्पूरधूलि... पाताहेसं १३९, पृ. १८७, काव्यानुशासन अलङ्कारतिलक टीकासह, अपूर्ण प्रत विशेष- आ नाम उपर संघभंडारमा २६२नं. मां. १८५ पत्र लखेला छे. गा. के.नं. ११२मां १८७ पत्रनो ग्रंथ छे. पण त्यां तेनुं नाम अलंकार चूडामणि लखेलुं छे. डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १६७, पृ. १-३७, काव्यानुशासन सटीक किञ्चिदपूर्ण टीप्पणीसह, संपूर्ण डीवीडी-९/१८ काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)टिप्पणी सं., गद्य, पाताहेसं १६७, पृ. १-३७, काव्यानुशासन सटीक किञ्चिदपूर्ण टीप्पणीसह, संपूर्ण डीवीडी-९/१८ काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)टीका आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., गद्य, पाताहेसं १८६- पे.क्र. २, पृ. २५२, छन्दोनुशासन-काव्यानुशासन सटीक, संपूर्ण पे. नाम- काव्यानुशासन सह (सं.)टीका डीवीडी-१०/१९ काव्यालङ्कार जुओ - रुद्रटालङ्कार, जैनेतर-रूद्रट, संस्कृत काव्यालङ्कार वामनीय जुओ - वामनीय काव्यालङ्कार, जैनेतर-वामन, संस्कृत काव्यालङ्कार व्यक्तिविवेक जुओ - व्यक्तिविवेक काव्यालङ्कार, जैनेतर-राजानक महिम, संस्कृत काव्यालोक जैनेतर-हरिप्रसाद, सं., पाकाहेम १३१९६, पृ. ४४, काव्यालोक, वि-१९मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३० किरणावली टीका जुओ - कल्पसूत्र-(सं.)किरणावलीटीका, उपाध्याय-धर्मसागर, संस्कृत किरणावली-(सं.)टीका कवि-दिवाकर, सं., गद्य, पाकाहेम १०१०२, पृ. २७, किरणावलि टीका, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-७१ किरणावली-(सं.)स्वोपज्ञटीका आचार्य-उदयनाचार्य, सं., गद्य, पाकाहेम १०७२१, पृ. ३२, किरणावलीटीका, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. पाकाहेम १४५४४, पृ. २८, द्रव्यकिरणावली, वि-१७८८, संपूर्ण किरातार्जुनीय रघुवंश कुमारसम्भव मेघदूत महाकाव्यगतदुर्घटसङ्ग्रह जुओ - रघुवंश-कुमारसम्भव-मेघदूत किरातार्जुनीयमहाकाव्यगत दुर्घटसङ्ग्रह, कवि-राजकुण्ड, संस्कृत, श्लोक१०१६ किरातार्जुनीयमहाकाव्य कवि-भारवि, सं., पद्य, पाताखेत ४०-१, पृ. १३५, किरातार्जुनीयम सर्ग १७ जीर्ण, संपूर्ण डीवीडी-६२/६४ पाकाहेम १०३८९, पृ. ३१, किरातार्जुनीयमाहाकाव्य सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१५०१, संपूर्ण 211
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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