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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगण सं., गद्य, पाकाहेम ९६९०, पृ. २७, कातन्त्रव्याकरण उणादिगण वृत्तिसहित, वि-१६०५, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२७ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगणनी (सं.)दौर्गसिंही वृत्ति जैनेतर-दुर्गसिंह, सं., गद्य, पाकाहेम ९६९०, पृ. १-२, कातन्त्रव्याकरण उणादिगण वृत्तिसहित, वि-१६०५, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२७ कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र जैनेतर-शर्ववर्मदेव, सं., गद्य, वताकांति ४४०, पृ. २२, कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र सह दौर्गसिंही टीका, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-११, डीवीडी-९७/९८ कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र-(सं.)टीका जैनेतर-दुर्गसिंह, सं., गद्य, आदि वाक्यः सम्पूर्ण मण्डलाकारं व्योमकल्पं निरामयां... वताकांति ४४०, पृ. २२, कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र सह दौर्गसिंही टीका, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-११, डीवीडी-९७/९८ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगण सं., गद्य, पाकाहेम ९६९०, पृ. २७, कातन्त्रव्याकरण उणादिगण वृत्तिसहित, वि-१६०५, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२७ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगणनी (सं.)दौर्गसिंही वृत्ति जैनेतर-दुर्गसिंह, सं., गद्य, पाकाहेम ९६९०, पृ. १-२, कातन्त्रव्याकरण उणादिगण वृत्तिसहित, वि-१६०५, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२७ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगणनी (सं.)दौर्गसिंही वृत्ति जैनेतर-दुर्गसिंह, सं., गद्य, पाकाहेम ९६९०, पृ. १-२, कातन्त्रव्याकरण उणादिगण वृत्तिसहित, वि-१६०५, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२७ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ (गणपाठ) सं., गद्य, पाकाहेम १२८३७- पे.क्र. २, पृ. २४८-२७६, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्तिसहित टिप्पणीसहित आदि, वि-१५मी, __ संपूर्ण पे. नाम- कातंत्रव्याकरण गणपाठ विवरण सहित प्रत विशेष- पत्र २४७मां खरतरगच्छीय आचार्य श्रीजिनचन्द्रसूरिनुं तथा सरस्वती, एम बे अतिसुन्दर चित्रो कुल झे.पृष्ठ-९० पाकाहेम १२८३८- पे.क्र.२, पृ. २६१-२७९, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्तिसहित टिप्पणीसहित आदि, वि-१४९३, संपूर्ण पे. नाम- कातंत्रव्याकरण गणपाठ विवरण सहित कुल झे.पृष्ठ-११२ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ - (सं.)विवरण सं., गद्य, पाकाहेम १२८३७- पे.क्र. २, पृ. २७६, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्तिसहित टिप्पणीसहित आदि, वि-१५मी, संपूर्ण पे. नाम- कातंत्रव्याकरण गणपाठ विवरण सहित 195
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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