SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 210
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- उभय श्लोक-४२०. कुल झे.पृष्ठ-१६ कातन्त्रव्याकरण-(सं.)बालावबोधवृत्ति आचार्य-मेरुतुङ्गसूरि[अंचलगच्छीय(विधि], सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १४४४, ग्रं.५०९, पाकाहेम ९७२, पृ. १७, कातन्त्रव्याकरण चतुष्कवृत्ति बालावबोधवृत्ति, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- वृत्ति ग्रन्थाग्र-४९४. कुल झे.पृष्ठ-१७ पाकाहेम ९७३, पृ. १४, कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति बालावबोधवृत्ति, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- वृत्ति ग्रन्थाग्र-४८१. कुल झे.पृष्ठ-१४ पाकाहेम ३७०१, पृ. २१, कातन्त्रव्याकरण चतुष्कवृत्ति बालावबोधवृत्ति, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२१ कातन्त्रव्याकरण-(सं.)बालावबोधवृत्तिनो (सं.)टिप्पनक आचार्य-मेरुतुङ्गसूरि[अंचलगच्छीय(विधि], सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १४४४, पाकाहेम ९७४, पृ. ३०, कातन्त्रव्याकरण चतुष्कवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक (चतुष्कवृत्तिदुण्ढिका), प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-२१२८. कुल झे.पृष्ठ-२९ पाकाहेम ९७५, पृ. २१, कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक (आख्यातवृत्तिदुण्ढिका), प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१४३४. कुल झे.पृष्ठ-२१ पाकाहेम ९७६, पृ. ११, कातन्त्रव्याकरण कृद्धृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक (कृत्तिदुण्ढिका), वि-१४६९, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-७६७. कुल झे.पृष्ठ-११ पाकाहेम २५५८, पृ. २८, कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक आख्यातवृत्ति दुण्ढिका, वि-१९५९, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२८ पाकाहेम ३७०२, पृ. २४, कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक-आख्यातवृत्ति दुण्ढिका, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१४३४. पत्र (मुं नथी. कुल झे.पृष्ठ-२३ पाकाहेम ३७०३, पृ. १३, कातन्त्रव्याकरण कृद्धृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्ति टिप्पनक-कृद्धृत्ति दुण्ढिका, वि-१६मी, प्रतिअपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१४ पाकाहेम ८५६५, पृ. ४४, कातन्त्रव्याकरण स्वोपज्ञ चतुष्कवृत्ति बालावबोधवृत्तिटिप्पनकदुण्ढिका, वि-१६वी, प्रतिपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४५ पाकाहेम ९६४८, पृ. ३३, कातन्त्रव्याकरणचतुष्कवृत्ति स्वोपज्ञ बालावबोधवृत्तिटिप्पनक-चतुष्कवृत्तिढुण्ढिका, वि १६वी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रं.-२१२८. कुल झे.पृष्ठ-३४ कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ (गणपाठ) सं., गद्य, 193
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy