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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाताखेत ५०- पे.क्र. २, पृ. ३२-३६, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि १५ ग्रन्थो, वि-१२१३, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-५७. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र ७०-१,७०-२, ७०-३ आ रीते बेवडाएल छे. कुल झे.पृष्ठ-९६, डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ४५- पे.क्र. ४, पृ. ६१-६५, सङ्ग्रहणी आदि, त्रुटक प्रत विशेष- त्रुटक-जीर्ण-नकामी. डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ४६- पे.क्र. १०, पृ. १८८-१९२, सङ्ग्रहणी आदि, वि-१२८६, अपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. गाथा-५७. पत्र १९० की गाथाएँ २० से ३३ नहीं है. झेरोक्ष पत्र-५३-५४. प्रत विशेष- पेटांकों का क्रम अव्यवस्थित है. दो प्रतों के पत्र इसमें सम्मिलित है. संवत् १३०९ पालनपुर में संघ के समक्ष आचार्य पद्मदेवसूरि द्वारा साध्वी नलिनप्रभा को पढने हेतु यह प्रत दी गयी. प्रतिलेखन वर्ष मात्र ८६ वर्षे इस तरह लिखा हुआ है. अतः११८६ अथवा १२८६ प्रतिलेखन वर्ष होना संभव है. पेटांक में उल्लिखित पत्रवाले कोष्ठक के पत्रांक ताडपत्रीय है. कुल झे.पृष्ठ-८०, डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ७३- पे.क्र.६, पृ.?,बृहत्सङ्ग्रहणी आदि, वि-१२७२, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति वर्ष का उल्लेख झेरोक्ष प्रत के पत्रांक-४० में कर्मस्तवभाष्य की प्रति० पुष्पिका में है. डीवीडी-५८/६० पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. २०, पृ. ?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. गाथा-१२ तक है. झेरोक्ष पत्र ९०-९१ पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित. कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० पातासंघवीजीर्ण ९१- पे.क्र. ५, पृ.?, तत्त्वार्थाधिगमसूत्र, प्रशमरति व प्राचीनकर्मग्रन्थ आदि, संपूर्ण पे. विशेष- संपूर्ण. गाथा-५२. , झेरोक्ष पत्रांक ३७-३५ पर है. उलटे क्रम से झेरोक्ष हुआ है. प्रत विशेष- जीर्ण-अव्यवस्थित. कुल झे.पृष्ठ-४८, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १७४- पे.क्र.८, पृ. ८७-९०, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. पत्र-८८ नहीं है. झेरोक्ष पत्र-३१-३४. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्रांक ७९ अनुपलब्ध है. __कुल झे.पृष्ठ-१५४, डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ६१-२- पे.क्र. २, पृ. ६६-७२, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-५७. डीवीडी-३०/४९ पातासंघवी १२७-१- पे.क्र. १, पृ. १-६८, कर्मस्तव सटीक आदि, वि-१२८८, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण-सारी डीवीडी-३४/५२ पातासंघवी १३०-१- पे.क्र. ४, पृ. ३०-३३, सङ्ग्रहणी आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-५४. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र-३५ नथी. कुल झे.पृष्ठ-३७, डीवीडी-३४/५२ पातासंघवी १४५-२- पे.क्र. २, पृ. ८४-९१, पञ्चाशकसूत्र आदि, संपूर्ण डीवीडी-३५/५३ पातासंघवी १७२-१- पे.क्र. २, पृ. ५२-६०, सङ्ग्रहणी आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-५७. 171
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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