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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ३६- पे.क्र. ११, पृ. १३१-१४५, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि १७ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१६७. प्रत विशेष- सूचीपत्र में पेटांक १८ का उल्लेख नहीं है. डीवीडी-६२/६४ पाताखेत ४२- पे.क्र. १, पृ. ???, कर्मविपाकादि (प्राचीन) १७ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- पेटाकृतिओना पृष्ठाङ्क उपलब्ध नथी. डीवीडी-६२/६४ पाताखेत ५०- पे.क्र. ३, पृ. ३६-४६, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि १५ ग्रन्थो, वि-१२१३, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१६८. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र ७०-१, ७०-२, ७०-३ आ रीते बेवडाएल छे. कुल झे.पृष्ठ-९६, डीवीडी-६२/६४ पाताखेत २-२- पे.क्र. ३, पृ. १३१-१३४, उपदेशमाला, भवभावना, कर्मविपाकअपूर्ण, संपूर्ण डीवीडी-६१/६३ पाताखेत २८-२- पे.क्र. ३, पृ. १-१७, दशवैकालिकनियुक्ति ऋषभपञ्चाशिका कर्मविपाक, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१४३. डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ४५-पे.क्र.५, पृ. ६५-७६, सङ्ग्रहणी आदि, त्रुटक प्रत विशेष- त्रुटक-जीर्ण-नकामी. डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ४६- पे.क्र. १३, पृ. १९७-२२७, सङ्ग्रहणी आदि, वि-१२८६, अपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. गाथा-१६८. झेरोक्ष पत्र- ५७-६२ व ७३-७४. बीच के पत्र नहीं है तथा इस भाग में दूसरी कृतियां सम्मिलित है. प्रत विशेष- पेटांकों का क्रम अव्यवस्थित है. दो प्रतों के पत्र इसमें सम्मिलित है. संवत् १३०९ पालनपुर में संघ के समक्ष आचार्य पद्मदेवसूरि द्वारा साध्वी नलिनप्रभा को पढने हेतु यह प्रत दी गयी. प्रतिलेखन वर्ष मात्र ८६ वर्षे इस तरह लिखा हुआ है. अतः११८६ अथवा १२८६ प्रतिलेखन वर्ष होना संभव है. पेटांक में उल्लिखित पत्रवाले कोष्ठक के पत्रांक ताडपत्रीय है. कुल झे.पृष्ठ-८०, डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ७३- पे.क्र. १०, पृ.?, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि, वि-१२७२, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१६८. प्रत विशेष- प्रति० वर्ष का उल्लेख झेरोक्ष प्रत के पत्रांक-४० में कर्मस्तवभाष्य की प्रति० पुष्पिका में है. डीवीडी-५८/६० पातासंघवीजीर्ण ९१- पे.क्र. ४, पृ. ?, तत्त्वार्थाधिगमसूत्र, प्रशमरति व प्राचीनकर्मग्रन्थ आदि, संपूर्ण पे. विशेष- संपूर्ण. गाथा-१६६. , यह कृति झेरोक्ष पत्र ३५-२९ (२९-३५) पर है. उलटे क्रम से झेरोक्ष किया गया है. प्रत विशेष- जीर्ण-अव्यवस्थित. ___ कुल झे.पृष्ठ-४८, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १७४- पे.क्र.९, पृ. ९०-९९-, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. पत्रांक-९५-९६ व १०० नहीं हैं. झेरोक्ष पत्र-३४-३६. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्रांक ७९ अनुपलब्ध है. ___ कुल झे.पृष्ठ-१५४, डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ६१-२- पे.क्र. ३, पृ.७३-९१, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-१६८. 166
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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