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________________ तृतीय पंक्ति (1) कृतिविशेष : कृति के विषय में अवशिष्ट उल्लेखनीय बातें. यथा-कुछ मतांतर, अध्याय आदि की विशेष सूचना, शब्दांको में उल्लिखित रचनावर्ष के शब्दांक इत्यादि. * प्रतमाहिती स्तर थोडा indent लिए इस स्तर' में प्रत की संपूर्ण माहिती न हो कर तत तत कृति से संबद्ध सभी प्रतों की उपयोगिता का निर्णय करने में प्रमुख रूप से सहायक मात्र आवश्यक सूचना ही होगी. प्रत की विस्तृत सूचना 'प्रत पर से कृति माहिती' वाले सूचीपत्र में से देखी जा सकेगी. (1) प्रत क्रमांक : भंडार नाम के साथ प्रत क्रमांक दिया गया हैं. (2) पेटा क्रमांक : यदि प्रस्तुत कृति किसी प्रत में किसी पेटा कृति के रूप में हो-यानी किसी प्रत में क्रमशः अनेक स्वतंत्र कृतियां/कृति परिवार के अंश लिखे गए हो - तो प्रस्तुत कृति उस प्रत में कौन से क्रम पर है उसका नंबर आएगा. इस पेटा क्रमांक के व इसी पंक्ति के अंत में रहे पृष्ठांकों के आधार से उपयोगकर्ता प्रत में कृति को सरलता से ढूंढ सकेंगे. (3) पृष्ठ माहिती : पेटा कृति का मामला न हो तो प्रत के कुल उपलब्ध पृष्ठ अन्यथा पेटा कृति किस पृष्ठ से किस पृष्ठ तक लिखी गई है वह संख्या. (4) प्रतनाम : यहाँ यथा नियम, यथा संभव 'सह' आदि वाला प्रतनाम आएगा. (5) प्रतिलेखन संवत : प्रत में उपलब्ध या अनुमान से दी गई. (5) पूर्णता : संपूर्ण, पूर्ण (जरा सा अपूर्ण होतो), प्रतिपूर्ण (विवक्षित अध्याय आदि ही लिखे गए हो), अपूर्ण इत्यादि. (7) पेटांक नाम : यदि मामला पेटा कृति का हो और उसका पेटांक नाम भरा हुआ हो तो यहा प्रिन्ट __ किया हुआ है. (8) पेटांक विशेष : यदि मामला पेटा कृति का हो और उसका पेटांक विशेष भरा हुआ हो तो यहा प्रिन्ट __किया हुआ है. (9) प्रत विशेष : प्रत से संदर्भित विशेषताए अगर भरी हुई हो तो यहा प्रिन्ट किया गया है. (10) झेरोक्ष माहिती : यहाँ प्रत से संबंधित कुल झेरोक्ष पृष्ठ माहिती प्रिन्ट की गई है. (11) डीवीडी माहिती : उपलब्ध डीवीडी की माहिती प्रिन्ट की गई है. જનરલ * જે પ્રત કે પેટાંક માટે પુષ્ટની વિગત નથી મળી ત્યાં “?' કરી દેવામાં આવ્યા છે. પેટાંકમાં ક્યારેક અમુક પેટાંકો માટે ભેગી એક સરખી જ પૃષ્ટ માહિતી મળી છે ત્યાં તે માહિતી તે બધા પેટાંકોમાં આપી દેવામાં આવી છે. * દરેક સૂચીઓમાં સર્વપ્રથમ જે માહિતી માટેના મથાળાઓ આપવામાં આવ્યા છે તે પૈકીની જે લાગૂ પડતી માહિતી ઉપલબ્ધ હતી તેટલીજ નીચે સૂચીમાં પ્રિન્ટ કરવામાં આવી છે. જે માહિતી નથી તે માટે અલગથી કોઈ ખાલી જગ્યા વિગેરે રાખવામાં આવી નથી.
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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