SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 142
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पे. विशेष- गाथा-३२. सूचीपत्रांक-१-१२५४. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५०A-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ उपशमकुलक अप., पद्य, गा.१०, पाकाहेम १५७२१, पृ. १, उपशमकुलक, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३ उपशमकुलक जुओ - क्षमाकुलक, आचार्य-यशोघोषसूरि, प्राकृत, गा.२५ उपशमश्रेणी सं., गद्य, आदि वाक्यः तच्च छद्मस्थवीतरागस्य केवलिनश्च भवति तत्र छद्मस्थ उपशामकस्य क्षपकस्य वा... कृ.विः अ.वाक्य-सव्वस्स दाहमग्गी दिति कसाया भवमणंतं...करणेनोक्तं. भांता ७०- पे.क्र. ८८, पृ. ११३B-११६A, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१२३७. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ उपसर्गप्रदीपिका लघु जुओ - लघुउपसर्गप्रदीपिका, संस्कृत, श्लोक२३ उपसर्गमण्डन कवि-मण्डन, सं., पद्य, श्लोक४४५, पाकाहेम ६८०२, पृ. ११, उपसर्गमण्डन, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीमां पलळेली छे. कुल झे.पृष्ठ-२९ पाकाहेम ६८०३, पृ. १३, उपसर्गमण्डन, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१३ पाकाहेम ९४८९, पृ. ७, उपसर्गमण्डन, वि-१५०४, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-७ उपसर्गहरस्तोत्र (उवसग्गहरं स्तोत्र) आचार्य-भद्रबाहुस्वामी, प्रा., पद्य, गा.५, आदि वाक्यः उवसग्गहरं... तालाद ३३६- पे.क्र. ४, पृ. २७७-२९३, प्रमाणमीमांसादि, वि-१५मी, संपूर्ण पे. नाम- उपसर्गहरस्तोत्र सह वृत्ति प्रत विशेष- ८९ नंबरनुं पार्नु नथी. कुल झे.पृष्ठ-१५६, डीवीडी-९४/९६ पाकाहेम ९०२- पे.क्र. २३, पृ. २०६, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३१ पुप्रे ४१९-२, पृ. ३०, उपसर्गहरस्तोत्र सह वृत्ति, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३० भांका १५२, पृ. ६, उपसर्गहरस्तोत्र वृत्ति सह, वि-१६९७, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-१-७८०. डीवीडी-८५ भांका २०२- पे.क्र. १, पृ. २०-३n, नमस्कार (३ स्मरण) सटीक, संपूर्ण पे. नाम- उपसर्गहरस्तोत्र सह (सं.)टीका, पे. विशेष- सूचीपत्रक्रम-३-३९६. 125
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy