SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * सूचनाओ + लीस्टोमां कृति संबंधी नाम, भाषा, कर्ता, आदिवाक्य, रचनासंवत के कृतिविशेष आदि विगतो जे ते छपाएला सूचीपत्र करतां घणी जग्याए जुदी पडशे. केमके आ विगत जुदा-जुदा सूचीपत्रोमांथी भेगी करीने भरवामां आवी छे. सामान्यपणे गायकवाडी केटलोग, भांडारकर, खंभात अने जेसलमेरना प्रथम सूचीपत्रनो आमां विशेष आधार लेवामां आव्यो छे. केटलीक विगतो कोबा ज्ञानभंडारमाथी जे ते कृतिनी मुद्रित पुस्तको जोईने पण उमेरवामां आवी छे. जेमके महावीर विद्यालयवाळु पइन्नय सुत्ताई. • जे प्रत के पेटांक माटे पृष्टनी विगत नथी मळी त्यां ?' करी देवामां आव्यां छे. पेटांकमां क्यारेक अमुक पेटांको माटे भेगी एक सरखीज पृष्ट माहिती मळी छे त्यां ते माहिती ते बधा पेटांकोमा आपी देवामां आवी * जे कृतिओ माटे नाम सिवाय कांईज माहिती मळती नथी त्यां अने कृतिनाम बाबते कोई शंका रही जती होय त्यां घणे अंशे कृतिनामना छेडे ?' करी देवामां आव्यो छे. * ज्ञानभंडार ताडपत्रीय होय पण एमांय जो कोई प्रत कागळनी होय तो प्रतस्वरूपमा एनो ए रीते उल्लेख को छे. जेसलमेर ताडपत्रीय भंडारमा आq घणी वखत बन्युं छे. * दरेक सूचीओमां सर्वप्रथम जे माहिती माटेना मथाळाओ आपवामां आव्या छे ते पैकीनी जे लागू पडती माहिती उपलब्ध हती तेटलीज नीचे सूचीमां प्रिन्ट करवामां आवी छे. जे माहिती नथी ते माटे अलगथी कोई खाली जग्या विगेरे राखवामां आवी नथी.
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy