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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कृ. विः गाथा ५४० थी ५४६ मळे छे. पाताखेत ३ - पे.क्र. ३, पृ. १-८०, गौतमस्वामी स्तुति आदि, वि-१२९२, संपूर्ण पे. विशेष- ले. सं. १२९२ प्रतिलेखन स्थल-भृगुकच्छ. डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ५- पे.क्र. १, पृ. १७४, उपदेशमालादि २१ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा - ५४० प्रथम पत्र खंडित है. प्रत विशेष - श्रावकविधिकुलक जिनप्रभसूरिकृत पेटांक - १६ एवं २० दोनो पर है. कुल झे. पृष्ठ ९२ डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ६- पे.क्र. २, पृ. २-५१, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. नाम उवएसमालापगरण, पे. विशेष गाथा - ५४१ पूर्ण प्रारंभिक १५ गाथा नहीं है. प्रत विशेष शुद्ध प्रति - कुल झे. पृष्ठ - ११०, डीवीडी- ६१/६३ पाताखेत १२ पे. क्र. ५. पू. ३-४६, गृहस्थकुलकादि ३४ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- ११५ मुं पानुं घटे छे. डीवीडी-६१/६३ पाताखेत १७-२- पे.क्र. १, पृ. ७-५२, उपदेशमालादि ९ ग्रन्थो, वि - १२९५, पूर्ण पे. विशेष अपूर्ण प्रारंभिक ६ पत्र (गाथा-१ से ५६) नहीं है. कुल झे. पृष्ठ-६०, डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ३२-२- पे.क्र. १ पृ. ३-१००B, उपदेशमाला, प्रतिक्रमणसूत्र, अजितशान्ति, संपूर्ण पे. नाम उचएसमालापगरण, पे. विशेष पत्रांक- १-२ नहीं है १९ गाथा नहीं है. पत्रानुक्रम जमाये बिना ही झेरोक्ष किया गया है. झेरोक्ष पत्र - १ - १८ व १९-२२. कुल झे. पृष्ठ- २६, डीवीडी - ६२ / ६४ पातासंघवीजीर्ण ४६ - पे. क्र. ६, पृ. १५० - १८१, सङ्ग्रहणी आदि, वि- १२८६, अपूर्ण पे. विशेष - अपूर्ण. गाथा- ४७३ तक है. बीच व अन्त के कुछ पत्र नहीं हैं. झेरोक्ष पत्र - ३९-५०. पेटांक ७ आगमिकवस्तुविचारसार वाली प्रत से ये अलग प्रत के पत्र हैं. प्रत विशेष- पेटांकों का क्रम अव्यवस्थित है. दो प्रतों के पत्र इसमें सम्मिलित है. संवत् १३०९ पालनपुर में संघ के समक्ष आचार्य पद्द्मदेवसूरि द्वारा साध्वी नलिनप्रभा को पढने हेतु यह प्रत दी गयी. प्रतिलेखन वर्ष मात्र ८६ वर्षे इस तरह लिखा हुआ है. अतः ११८६ अथवा १२८६ प्रतिलेखन वर्ष होना संभव है. पेटांक में उल्लिखित पत्रवाले कोष्ठक के पत्रांक ताडपत्रीय है. कुल झे. पृष्ठ-८० डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ४५ पे क्र. १ पृ. १४८ उपदेशमाला आदि, त्रुटक डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ८१ पे. क्र. १ पृ. १४४ उपदेशमाला आदि त्रुटक प्रत विशेष नकामी. डीवीडी-५८/६० पातासंघवीजीर्ण ८८ पे. क्र. १ पृ. २. उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक " पे. विशेष - गाथा ६ तक ही उपलब्ध है. झेरोक्ष पत्र २ पर यह कृति है. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे. कुल झे. पृष्ठ - ९०, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी ५०, पृ. ३४६, उपदेशमाला दोघट्टीवृत्तिसहित, वि - १२९३, संपूर्ण प्रत विशेष- सारी, चंद्रावतीमां पं. मलयचंद्रे लखेली छे. पहेलां बीजा पानामां ३-३ नथी. बे पानामा एक ११ नथी. डीवीडी-२८/४७ पातासंघवी १०८ पे क्र. १ पृ. १-४८ उपदेशमाला आदि संपूर्ण 109
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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