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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- त्रुटक कुल पत्र - ४५+१५९-२०४. इसमें दूसरे क्रम के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं. कुल झे. पृष्ठ- ८४, डीवीडी - १०/१९ पाताहे १७१-३, पृ. ८९ उत्तराध्ययनसूत्र सटीक पञ्चायतन, संपूर्ण डीवीडी-२/१८ भांता १०, पृ. ४२५, उत्तराध्ययन सुखबोधा सह, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र - नं. १-६५४., पत्र- ४२५+२+३-२० = ४१०. पण सम्पूर्ण छे., पत्र ११३ नथी. डीवीडी-६६/७५ भांता ११, पृ. १६५, उत्तराध्ययनसूत्र वि-१३३२. संपूर्ण प्रत विशेष सूचीपत्र नं. १-६४५., पत्र - १७५-१०-१६५. डीवीडी-६६/७६ भांता १२, पृ. १३४, उत्तराध्ययनसूत्र, संपूर्ण प्रत विशेष सूचीपत्र नं. १-६४९ ग्रन्थाग्र- २३००, डीवीडी-६६/७६ भांता १३ पृ. ६४, उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१३४०. संपूर्ण , प्रत विशेष सूचीपत्र नं. १-६४६. डीवीडी-६६/७६ पाकाहेम ७५१, पृ. १५६, उत्तराध्ययनसूत्र सह दीपिकावृत्ति, वि- १५०१, संपूर्ण प्रत विशेष पत्र ७६ डबल, सत्यविजय गणिए पाटणना भंडारमां मुकेली प्रति कुल झे. पृष्ठ- १०८ पाकाहेम ६५६४, पृ. ३२ उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष - ग्रन्थाग्र-२०९५. कुल झ. पृष्ठ-३३ झे. पाकाहेम ६९४२, पृ. ५०, उत्तराध्ययनसूत्र टिप्पणीसहित, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-५१ पाकाहेम १००७८, पृ. ३५, उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रथम पत्रमां समवसरणनुं चित्र छे.. कुल झे. पृष्ठ-३५ पाकाहेम १००८१ पृ. २९२. उत्तराध्ययनसूत्र पाइयटीकासह वि-१६मी संपूर्ण प्रत विशेष पहेला अने बीजा पत्रमा क्र. ९९९०ना टिप्मणना जेवां चित्रो छे. पत्र २जुं ३जुं १८७ २०७ डबल छे अने २०४-२०५ भेगां छे. कुल झ. पृष्ठ- २९१ झे. पाकाहेम १०१०४, पृ. ९८. उत्तराध्ययनसूत्र सटीक त्रयोदशअध्यययनपर्यन्त सुखबोधावृत्ति, वि-१६मी प्रतिपूर्ण कुल झ. पृष्ठ-९९ पाकाहेम १०१३८, पृ. २७२ उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसहित वि-१६३९, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- २७२ पाकाहेम १०३४३, पृ. ८९ उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१५८३, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- ९० पाकाहेम १०४५४, पृ. ५६, उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-५७ पाकाहेम १०५००, पृ. ७० उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-७० पाकाहेम १०५०१ पृ. ८९ उत्तराध्ययनसूत्र, वि-१६मी संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- ८९ 93
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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