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________________ ग्रंथांक स्थति प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पातासंघवी) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार संघवी पाडानो भंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र क्लिन/ओरिजिनल डीचीडी (डीवीडी- भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य झे.पत्र/झे.पत्र) प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता कति प्रकार दुक्कडगरहा (प. पृ.६६-७०) गा.२५. नेमिकुमार विमलसूरि .. यशोघोषसूरि गा.२५ तपय (पं.१७) उपदेशकुलक जीवोपालम्भकुलक... (पे.१८) प्रश्नोत्तररत्नमालिका (4.१९) क्षमाकुलक (पे.२०) पश्चाताप (पं.२१) पत्थियसमत्थस्थानकस्तवन (पे.२२) सड़क्षेप आराधना (पे.२३) प्राभातिक जीवानुशासन FFFFE FF धम्मोवएसतं. कः खलु नालड़िक्रयते पद्य नमिऊण पुचपुरिसाण हा हा दुल कयं...... पत्थियसमत्थवत्थूण :पद्य परमपयपत्ताणं जिणाण तिहुअणपणमियचलणं पणमि नाणु चरण सम्मत्त निव्वाणगमणकल्लाणवास (प.पृ. ७१-७४) (पे.पृ. ७४-७७) (पे.पू.109-692 (पे.पृ.८१-८३). (पे.पृ. ८४-८७) (ये.पृ. ८७-९१) पद्य वादिदेवसूरि गा.२३ पय (पे.२४) मुनिचन्द्रसूरिस्तुति (पे.२५) मुनिचन्द्रसूरि विरह वादिदेवसरि वादिदेवसरि गा.२५ गा. ५५ म: पद्य (पे...११-१४ (पे.पृ. १४-१०२) मुनिचन्द्रसूरि का.९. गा.२१. प्रा. अपभ्र. गा.५७ (पे.२६) प्राभातिक स्तुति (प.२७) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक (पे.२८) शान्तिजिन स्तुति (पे.२१) श्रावकव्रत कर्मस्तववृत्ति आदि. (पे.१) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-वृत्ति. (पे.२) सङ्ग्रहणीप्रकरण पद्य (प.पू. १०२-१०४) (प.पू..१०४-११).. (पे.पू. ११०-११४) (प.पृ. ११४-१२३) पेटांक मां पेज जुदा जुदा छे. (पे.पृ. १-९३) पे.वि. : वृत्ति ग्रन्थान-८३२. प्रा. संपूर्ण येईन प्रभातसमये अरहन्ता मड़गलं मज्झ: पद्य देव दसविहधम्मधुरधवल: पद्य तिहअणकयबहुमाणे १५५............... :२९/४८(३२)... तह थुणिमो वीरजिणं... पद्य बन्धोदयोदीरणसत्पदस्थ गद्य नमिउं अरहन्ताइ ठिइभव पद्य देवसूरि-शिष्य श्रेष्ठ देवेन्द्रसूरि देवेन्द्रसूरि श्रीचन्द्रसूरि ताडपत्र गा.३४ ग्रं.८३० गा.२७३ (ये.पृ. १-२७) पे.वि. : गाथा-२७३. मलधारि (4.32 क्षेत्रसमास जम्बूद्वीपसमासप्रकरण : जिनभद्र गणिप्रा . गा.८६ नमिउण सजल जलहर पद्य (प....१प.वि.: गाथा-८५.. कृ.वि. : गाथा-८४ थी १९९ सुधीनी प्रतो मळे छे. बृहक्षेत्रसमासनो संक्षेप छे. (ये. पृ.१-३). क्षमाश्रमण (पे.४) धर्मलक्षण अने बेतालीस दोष साधु आहार एषणादि दोषगाथा पय आहाकम्मदेशीय परियट्ट धर्मार्थ क्लिश्यते (पे.५) धर्मलक्षणप्रकरण ..................: श्लोक २२................. :पद्य (प...३-४) 81
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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