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________________ स्थिति ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम पूर्णता (पातासंघवी) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार संघवी पाडानो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडीभाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य झे.पत्र/झे.पत्र) प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति प्रकार (ये.२) सङग्रहणीप्रकरण :गा.२७३ नमिउं अरहन्ताइ ठिइभव पद्य श्रीचन्द्रसूरि मलधारि. अव्यवस्थित व उलटे क्रम में किया गया है. झेरोक्षपत्र-१-१३(१३-१). [कृ.वि. : गाथा ५४० थी ५४६ मळे छे] (पे.पृ. १-४५) पे.वि. : संपूर्ण गाथा-२७३. झेरोक्ष पत्र-१३-२२..... (पे. पृ. १००-१०४) पे.वि. : संपूर्ण. गाथा-३३. झेरोक्ष पत्र-१३-१४. (पे.३) सकलतीर्थस्तोत्र प्रा. तीर्थमाला स्तोत्र (पे.४) श्रावकविधिप्रकरण सिद्धसेनसूरि धनपाल गा.३५.... :गा.२२ संसारतारयाणं तियसा जत्थ पुरे जिणभवणं पद्य पद्य (पे.५) धर्मोपदेश अपभ्र. :श्लोक ७ पद्य (पे.६) आत्मशुद्धिस्तव श्लोक ९ (पे.७) जिनस्तव हरिभद्रसूरि श्लोक २० त्वत्सेवानिरतांस्त्व पद्य (पे.८) कायस्थितिस्तव यदर्शनमप्राप्ता पद्य (पे.९) साधुगुण श्लोक १३ पद्य (पे.पृ. १०५-१०८) पं.वि. : संपूर्ण. गाथा-२३. झेरोक्ष पत्र-१३:१४.. (पे.पृ.?) पे.वि. : यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. (पे.पू.?) पे.वि. : यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. (पे.पू.?) पे.वि. : यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. (पे.पू.?) पे.वि. : यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. (पे..?) पे.वि. : यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. (जनो नं. २३(१-800 (पे.पृ. १-४८) पे.वि. : अपूर्ण. (प.पू.३७-६०). (पे.पृ.६०-७४).. (पे.पृ. ७५-८६) [कृ.वि. : छन्दोविषयक ग्रन्थ.] (जुनो नं. ३३८) (पे. पृ. १-१५८) पे.वि. : १५८ पेज अने द्वितीय मा १५९-३१६ सुधी छे. ३१५मुं पत्र तुटी गयुं छे, वचमां कोईक पत्र भंसाई गयं छे. कागज . वृत्तरत्नाकरवृत्ति आदि (पे.१) वृत्तरत्नाकर-वृत्ति (ये.२) हैमधातुपाठ (ये.३) हैमलिङगानुशासन (मे.४) वृत्तरत्नाकर शान्तिनाथचरित्र प्रथम, द्वितीय भाग.. (4.9) शान्तिनाथचरित्र प्रथम भाग श्रीकण्ठ पण्डित हेमचन्द्रसूरि हेमचन्द्रसूरि केदार भट्ट ८६-४७(१ थी ४७)=३९.२९/४८(२६).... गद्य भू सत्तायाम। पां गद्य पद्य ग्रं.३३८४. ५७-१ श्रेष्ठ ताडपत्र वि.१४७०३१६ .. २९/४८(११२)
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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