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________________ स्थिति क्लिन/ओरिजिनल ग्रंथांक: प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (भांका) भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना (कागळ) पूर्णता प्रतिलेखन वर्ष पत्र डीवीडी (डीवीडीपरिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य अपूर्ण कागज वि.२०वी ८७(१८) प्रतविशेष माप पंक्ति, अक्षर. प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष । कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष माषा झे.पत्र/ो.पत्र) कृति प्रकार २०४ जीर्ण २१ प्रवचनसार सह छाया व अमृतचन्द्रीय टीका के हेमराजीय अनुवादानुसार पद्यानुवाद प्रतिलेखक द्वारा अपूर्ण. अध्याय-१ की गाथा-४० तक है. यत्र-तत्र संस्कृत टीकांश भी मिलता है. :प्रवचनसार कृपदाचार्य पद्य प्रवचनसार-छाया एस सुरासुरमणुसिन्द एष सुरासुरमनुष्येन् सिद्ध सदन बुधि वदन पद्य : पद्य प्रवचनसार-टीकानो पद्यानुवाद हिन्दी :अमृतचन्द्राचार्याय सं. टीका की हेमराज पांडे कृत भाषाटीका के अनुसार. (जनो नं. १८९२-९५/७६०).. । संपूर्ण.. ८७(१४)....... पद्य नेमिचन्द्रसूरि प्रा. गा. १५२५ ग्र.१८100 जयइ जुगाइजिणिन्दो जीण संपूर्ण कागज :वि.१५०७६४ सिरि० कर्मणं विपाको ८७(४२) गद्य (जुनो नं. १८९२-९५/६५६)प्र.पु.श्लोक-यादृशं पुस्तकं. (पे.पृ.१-७) (पे...५-१२/.... तह० मिथ्यात्वादिभिर गद्य (पे.प्र.१३-१६) बन्ध० बन्धकर्माणूनां २०५ : पूजाष्टक अष्टप्रकारीपूजाकथा अनन्तनाथजिनचरितान्तर्गत २०६ नव्यकर्मग्रन्थावचूरि (पे.१) कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थअवचूरि (प.२) कर्मस्तवावचूरि कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-अवचूरि (पे.३) बन्धस्वामित्वस्यावरि बन्धस्वामित्व नव्य तृतीय कर्मग्रन्थ-अवचूरि (पे.४) षडशीतिकोद्धार षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ-अवचूरि (पे.५) शतकस्योद्धार शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ-अवचूरि. (प.६) सप्ततिकावचूरि... सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-अवचूरि दशवैकालिकसूत्र, चूलिका युगल सह अवचूरि दशवैकालिकसूत्र. दशवैकालिकसूत्र-अवचूरि २०८ : सूत्रकृताङ्गसूत्र दीपिका सह (पे. पू. १६-२८). नमि० तत्र जीवन्ति गद्य (पे. पृ. २८-४९). निजहेतु सद्भावे यासा (पे. पृ.४९-६४) सिद्ध० सिद्धानि थायि पद्य ८७(१२) श्रेष्ठ संपर्ण :कागज :वि. १५१५ १६ (जुनो नं. १८९२-९५/७१३)सूचीपत्र नं.१-७२०.. (१०x४.८४५८) गं. ७०० ग्रं. २१४३ कागज धम्मो मङ्गलमुक्किट्ठ । संयुक्त प+ग इहार्थतः श्रीमहावीर २१२ ८७(१०५) संपण हारिभद्री टीका आधारित. (जुनो नं. १८९२-९५/९०४)सूचीपत्र नं.१-४५., (१०x४, १३४५२) 49
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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