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________________ तथा धीरुभाई आदिए पोताना झेरोक्ष मशीनो लावीने आ कार्यने समय के पैसानो विचार कर्या विना सारी रीते पार पाड्युं हतुं। अनेक वार मशीनो खोटवाय त्यारे ठेठ अमदावादथी मीकेनीक लावीने पण काम पार पाड्युं हतुं। अंते मारा मातुश्री साध्वी श्री मनोहरश्रीजी (सरकारी उपाश्रयवाळा) ना शिष्या साध्वीश्री सूर्यप्रभाश्रीजी ना शिष्या साध्वीश्री जिनेन्द्रप्रभाश्रीजी आदि शिष्या प्रशिष्या परिवार तथा मारा सहवर्ति साधुओए ग्रंथोना व्यवस्थित पेकींग, लीस्टींग, प्रुफरीडींग आदि दरेक कार्योमां खूब खूब जहमत उठावी छ। आ काममां अनेकानेक विघ्नो आवतां हतां छतां श्री नाकोडापार्श्वनाथ भगवाननी कृपा अने श्री नाकोडाभैरवदेवनी दैवी सहायथी अने उपरोक्त नामी, अनामी, जाणीता अने अजाण्या एवा अनेकना सक्रिय सहकारथी आ भगीरथ कार्य पार पड्युं छे। ते सर्वनो आ तके हुं खूब खूब आभारी छु। आ फोटोकॉपीओ करवाना काममा प्रथम चरणथी मांडी अंतिम चरण सुधीनुं बधुं ज कार्य मारा शिष्य मुनिश्री धर्मचन्द्रविजयजीना शिष्य मुनिश्री पुंडरीकरत्नविजयजीए ज संभाळ्युं छे तथा धर्मघोषविजयजी महाराजनो तमाम कामोमां संपूर्ण सहकार हतो तेथी मारा तेमने अनेक अनेक धन्यवाद घटे छे।। लि. पूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरजीपट्टालंकारपूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरजीशिष्यपूज्यपादसद्गुरुदेवमुनिराजश्रीभुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजय श्री स्तंभन पार्श्वनाथ जैन तीर्थ C/o श्री शान्तिनाथ ताडपत्रीय जैन ज्ञानभंडार भोयरापाडो, त्रण दरवाजा पासे, मु.पो.खंभात, जिला-आणंद, गुजराज राज्य पीन नं.३८८६२० ता. २४-०८-२००५, बुधवार विक्रम संवत् २०६१ श्रावण वदि ५
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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