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________________ (भांका) भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना (कागळ) स्थिति पूर्णता प्रतिलेखन वर्ष पत्र ग्रंथांका प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम : कृति नाम क्लिन ओरिजिनल सीवीडी (सीवीडी- झे.पत्र/ओ.पत्र) कति प्रकार प्रतविशेष माप पंक्ति, अक्षर प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष परिमाण रबना वर्ष आदिवाक्य देवेन्द्रसूरि भारतीयोपदेश वन्दारूवृत्ति अवचूरी सह .. श्रावकषडावश्यकसूत्र-वन्दारु वृत्ति.. श्रावकषडावश्यकसूत्र-बन्दारूवृत्तिनी अवचूरि मूलदेवकथा वृन्दावन्दारक. इह तावदास्तिकेनापि ८५(१५)..........(जुनो नं. १८८६-१२/१३४६)सूचीपत्रक्रम-१-१८७... गद्य .............मात्र प्रतिक्रमण ऊपर के षडावश्यक ऊपर? गद्य १४६ संपूर्ण ८५(२६) (जुनो नं. १८८६-१२/१३१०)ग्रंथ नंबर सेट थता नथी./सूचीपत्रक्रम-४-४९१. : मलदेवकथा आदि ३५ कथा प्रा.स. १४७ धर्मोपदेश संपूर्ण १४८ चैत्यवन्दनादिभाष्य अवचूर्णि सहित (पे.१) चैत्यवन्दनभाष्य सह अवचूरि चैत्यवन्दनभाष्य चैत्यवन्दनभाष्य-अवचूरि (पे.२) वन्दनकभाष्य सह अवचूरि वन्दनकभाष्य देवेन्दसार ८५(१६) (जुनो नं. १८८६-९२/१२६९)सूचीपत्रक्रम-१-७२५. प्रारंभ में दो काव्य मन्त्र दिया गया है. प्रतिलेखक पं. मनसुख. धम्मो मङगलमुक्किट्ठ... पद्य विविध संग्रह. ८५(१०) (जुनो नं. १८८६-९२/१२४०)सूचीपत्रक्रम-१-१२२७. १-१३१०,१-१२६२. i(ये. प्र. 9-2A) पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-१२२७. वन्दित्त वन्दणिज्जे कृ.वि. : देवेंद्रसूरि कृत भाष्य करतां अन्य कृति. वन्दित्वा वन्दनीयान गद्य । (पे. . CA-१२4) पं.वि. : सूचीपत्रांक-१-१३१०... नमिऊण महावीरं कृ.वि. : प्रचलित भाष्यत्रय करतां भिन्न. बाणउयस अथेत्यानन्तर्यार्थे (प.पू. १२A-१६8) पं.वि. : ग्रन्थान-७५५. सुचीपत्रांक-१-१२६२. सदपच्चक्खाण चउविहिपद्य अथ प्रत्याख्यानभाष्य गद्य वि. १४८७ :८५(२) (जुनो नं. १८८६-१२/१३२७)सूचीपत्रक्रम-६६४., .....(१०.१४४.३.१८-२०४५८-६२).. । अह नौमि. :पद्य वि. १६४६ ...९. .................८५(६)............(जुनो नं. १८८६-९२/१२३३)सूचीपत्र नं.१-३८६..... पद्य वन्दनकभाष्य-अवचूरि (पे.३) प्रत्याख्यानभाष्य सह अवचुर्णि प्रत्याख्यानभाष्य प्रत्याख्यानभाष्य-अवचूर्णि वासुपूज्यचरित्र सर्थनकं देवेन्द्रसूरि प्रा. सोमसुन्दरसूरि ......सं. संपूर्ण १४९ जीर्ण :कागज वर्द्धमानसूरि १५० गच्छाचार सह अवचूरि संपर्ण ...... कागज 40
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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