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________________ ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य कागज वि. १८मी. प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटॉक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा कृति प्रकार १०६८० दशबलकारिकाधातुपाठ जीर्ण संपूर्ण ...(९.७४४-२) श्लोक ४० पद्य १०६८१ न्यायार्थमञ्जूषा मध्यम संपूर्ण कागज वि. १६मी २० (१४) १-२-३-४-५-८ प्रति पाणीथी भीजायेली छे.. (१०.५४४.५) हेमरंसगणि श्लोक १०९२ मध्यम संपूर्ण कागज वि. १६६५२०२ (१०.५४४.५) गं. १८२७ १०६८२: हेमअनेकार्थनाममाला अनेकार्थकरवाकरवृत्तिसह अनेकार्थसड़ग्रह अनेकार्थसङ्ग्रह अनेकार्थकैरवाकरकौमुदी टीका :१०६८४: वृत्तरत्नाकर हेमचन्द्रसूरि महेन्द्रसिहसूरि ध्यात्वार्हतः कृतैका परमात्मानमानम्य निजा ग्र. १०००० श्रेष्ठ संपणे कागज वि. १७१० (१०.५४.५ :केदार भटट छन्दोविषयक ग्रन्थ १०६८५. वृत्तरत्नाकर : जीर्ण : सपूर्ण .वि. १६मी.... केदार भटट :मध्यम संपूर्ण तमी !३२ बैं १०६८६ सम्बन्धोद्योत आदि (4.9) षट्कारक-सम्बन्धउद्योत टीका (पे.२) वृत्तरत्नाकर (पे.३) नन्दितादवछन्दशास्त्र १०६८७. वाग्भटालङ्कार. (१०.५४४.५ छन्दोविषयक ग्रन्थ. (१०.२४४) (प.पू. १-२०) (पे.पृ. २१-२७) [कृ.वि. छन्दोविषयक ग्रन्थ] (पे.पू. २७-३२) पे.वि.: गाथा-९४. (१०x४.२) :केदार भटट नन्दिताढ्य जीर्ण संपूर्ण कागज..............वि. १७४२................ :वाग्भट (दिगम्बर) १०६८८ वाग्भटालङ्कार वृत्ति - अपूर्ण जीर्ण वि.१६मी पत्र रजुं ३जुं ४१०९ अने ११मुं नथी., (१०.२४४.५) प्रतिपर्ण वि. १६मी ग्रन्थान-७००...(१०.२४४.५). वाग्भटालड़कार-वृत्ति १०६९२ : कुमारसम्भवमहाकाव्य सप्तमसर्गपर्यन्त जीर्ण कमारसम्भव कालिदास :१०६९७ : मेघदूतमहाकाव्य टीका जीर्ण । मेघदूतमहाकाव्य-टीका स्थिरदेवकवि १०६९८: वासवदत्ताकथा वासवदत्ता सुबन्धु :वि.१७मी (१०.५४४.५) जीर्ण सपूर्ण प्रति पाणीथी भींजायेली छे..(१०.२४४.५) 489
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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